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    UAE के साथ ट्रंप की डील पर अमेरिकी संसद में बवाल, विपक्षी दलों ने क्यों पेश किया प्रस्ताव

    अमेरिकी संसद में यूएई के खिलाफ आवाज उठने लगी है। विपक्षी पार्टी के कई सांसदों ने सीनेट में प्रस्ताव पेश करते हुए यूएई के साथ हथियारों की डील रद करने की मांग की है। विपक्षी दल के नेताओं का आरोप है कि सूडान में गृह युद्ध को बल देने के पीछे यूएई का हाथ है। यूएई ने सूडान की फोर्स RSF को हथियार मुहैया करवाए हैं।

    By Agency Edited By: Sakshi Pandey Updated: Fri, 16 May 2025 08:28 AM (IST)
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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ। फाइल फोटो

    वॉशिंगटन, रायटर्स । अमेरिका की संसद में डेमोक्रेट पार्टी के सदस्यों ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ हथियारों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। इसकी वजह सूडान के गृह युद्ध में यूएई की संलिप्तता और क्रिप्टो करेंसी बताई जा रही है।

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    वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ही खाड़ी देश के साथ 200 बिलियन डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) की डील साइन करने की घोषणा की है।

    डेमोक्रेट्स ने पेश किया प्रस्ताव

    यूएई को लेकर अमेरिकी संसद में बहस छिड़ गई है। डेमोक्रेट पार्टी के नेता क्रिस मर्फी, क्रिस वैन होलेन, ब्रायन शेट्ज और टिम कैन, और डेमोक्रेट के साथ मिलकर काम करने वाले स्वतंत्र सांसद बर्नी सैंडर्स ने सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव यूएई के साथ हथियारों के सौदे पर रोक लगाने के संदर्भ में है।

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    क्या है आरोप?

    अमेरिकी संसद में यूएई के खिलाफ यह प्रस्ताव विदेश मामलों की समिति के सदस्य ग्रेगरी मीक्स और पैनल की अफ्रीका उपसमिति की सदस्य सारा जैकब्स ने पेश किया है। इस प्रस्ताव में दावा किया गया है कि अबु धाबी ने सुडान की रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) को हथियार मुहैया करवाए हैं, जिससे सुडान में गृह युद्ध के हालात बन गए।

    मीक्स और जैकब्स के अनुसार,

    ट्रम्प प्रशासन गैर जिम्मेदाराना तरीके से कांग्रेस को दरकिनार करने की कर रहा है। यूएई को संयुक्त राष्ट्र के डारफुर हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए RSF का समर्थन किया है, जिसकी वजह से कई निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई है।

    यूएई ने किया इनकार

    हालांकि, यूएई ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यूएई की एक निवेशक फर्म MGX ने क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस में 2 बिलियन डॉलर (6 हजार 600 करोड़ रुपए) का निवेश करेगी। यह निवेश ट्रंप के वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल क्रिप्टो वेंचर के स्टेबलकॉइन की मदद से किया जाएगा।

    ट्रंप ने कहा रिश्ते मजबूत होंगे

    बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा पर थे। उस दौरान उन्होंने खाड़ी देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते मजबूत करने का वादा किया। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि "मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत होंगे।"

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