चंद्रमा पर उतरने को तैयार अमेरिका का ब्लू घोस्ट लैंडर, 100KM की ऊंचाई से भेजी अद्भुत तस्वीरें; क्यों खास है ये मिशन?
अमेरिकी कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट लूनर लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार है। लैंडिंग से पहले उसने चंद्रमा की अद्भुत तस्वीरें और वीडियो साझा की। लैंडर को मैरे क्रिसियम के नजदीक एक समतल मैदान में उतारा जाएगा। यह मैदान ज्वालामुखी के लावा से बना है। मिशन के तहत फायरफ्लाई और नासा के बीच 93.3 मिलियन डॉलर का समझौता हुआ है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का ब्लू घोस्ट मिशन 1 चंद्रमा में उतरने को तैयार है। कंपनी का लैंडर दो मार्च को चंद्रमा में उतरेगा। लैंडिंग से पहले लैंडर ने चंद्रमा से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से कुछ तस्वीरें भेजी हैं। कंपनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इन फोटो और वीडियो को साझा किया है।
सुरक्षित लैंडिंग पर नासा करेगा भुगतान
अगर फायरफ्लाई का लैंडर चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर जाता है तो यह नासा फायरफ्लाई को 101.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगा। ब्लू घोस्ट मिशन 1 के तहत लैंडर को रविवार को अमेरिकी समयानुसार सुबह 3:34 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरना है। इसके बाद यह लैंडर मॉन्स लैट्रेइल नाम की जगह तक पहुंचने की कोशिश करेगा। यह मिशन नासा के सहयोग से चलाया जा रहा है।
15 जनवरी को लॉन्च हुआ था मिशन
15 जनवरी को लैंडर को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इसके साथ एक जापानी कंपनी का लैंडर भी गया है। मगर वह मई महीने में चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा। घोस्ट राइडर्स इन द स्काई नाम से प्रसिद्ध फायरफ्लाई का यह मिशन कई मायनों में अद्भुत है। कंपनी के लैंडर ने अपनी यात्रा के दौरान पृथ्वी और चंद्रमा की कई शानदार फोटो भेजीं।
क्यों खास है ब्लू घोस्ट मिशन?
ब्लू घोस्ट लूनर लैंडर अपने साथ 10 उपकरण ले गया है। इसमें चंद्रमा की मिट्टी का परीक्षण करने वाला यंत्र, विकिरण-सहिष्णु कंप्यूटर और चंद्रमा पर नेविगेशन के लिए मौजूदा वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली शामिल है। ब्लू घोस्ट को पूर्ण चंद्र दिवस के अनुरूप डिजाइन किया गया है।
बता दें कि चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। 14 मार्च को पूर्ण चंद्रग्रहण है। अब उम्मीद है कि ब्लू घोस्ट चंद्रग्रहण की हाई क्वालिटी तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करेगा। ब्लू घोस्ट लैंडर 16 मार्च को चंद्रमा में सूर्यास्त को भी रिकॉर्ड करेगा।
सौर हवाओं का होगा विश्लेषण
ब्लू घोस्ट लूनर लैंडर को मैरे क्रिसियम के नजदीक समतल सतह पर उतारा जाएगा। यह मिशन नासा के कामर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज प्रोग्राम का हिस्सा है। मिशन के तहत भेजी गई तस्वीरें, चंद्रमा के उन हिस्सों की हैं... जो पृथ्वी से दिखाई नहीं पड़ते हैं।
मिशन के अंतर्गत चंद्रमा की संरचना, सौर हवाओं, मिट्टी और अन्य डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। ब्लू घोस्ट के बाद 6 मार्च को इंट्यूटिव मशीन्स का आईएम-2 मिशन चंद्रमा पर पहुंचेगा। लैंडर एथेना चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
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With a suite of @NASA science and technology on board, @Firefly_Space is targeting no earlier than 3:34 a.m. EST on Sunday, March 2, to land the Blue Ghost lunar lander on the Moon.
Live coverage will air on NASA+ around 75 minutes before touchdown >> https://t.co/7VZfUW0mjK pic.twitter.com/yqVe0OB48v
— NASA Marshall (@NASA_Marshall) February 28, 2025
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