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    भारतीय संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का UNHRC ने किया स्वागत, अब बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी

    मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने भारत में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का स्वागत किया। पारित विधेयक से संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान आरक्षित हो जाएंगे। संरा उच्चायुक्त ने राज्यों से विधेयक का शीघ्र समर्थन करने का आह्वान किया है। उच्चायुक्त ने सरकार से एससी/एसटी के मौजूदा आरक्षण के साथ ही नई प्रणाली शीध्र लागू करने को कहा है।

    By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 12:03 AM (IST)
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    मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क (फोटो: एपी)

    जेनेवा, एएनआइ। मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने भारत में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का स्वागत किया। पारित विधेयक से संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान आरक्षित हो जाएंगे।

    दोनों सदनों से पारित विधेयक एक ऐसा ऐतिहासिक उपाय है, जो संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को संवैधानिक रूप से सुनिश्चित करेगा और भारत में महिलाओं की भागीदारी के अधिकार और जेंडर समानता की रक्षा में गेम चेंजर प्रमाणित होगा।

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    मानवाधिकार के लिए संरा उच्चायुक्त की प्रवक्ता रवीना शमदासानी के अनुसार, संरा उच्चायुक्त ने विश्वभर के सांसदों से अपने देश में जहां जेंडर कोटा आवश्यक है, राजनीतिक विमर्श में दूसरों के जैसी समानता देते हुए महिलाओं की आवाज सुनिश्चित करने के लिए विधायी कदम अपनाने का आह्वान किया है। इस विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों द्वारा समर्थन किए जाने की आवश्यकता है।

    संरा उच्चायुक्त ने राज्यों से विधेयक का शीघ्र समर्थन करने का आह्वान किया है। उच्चायुक्त ने सरकार से 'एससी' और 'एसटी' के मौजूदा आरक्षण के साथ ही नई प्रणाली शीध्र लागू करने को कहा है।

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    आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'हम सार्वजनिक जीवन में सभी पृष्ठभूमि की महिलाओं की भागीदारी के लिए एक सक्षम वातावरण को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हैं। इसका समग्र रूप से समाज पर गहरा सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।'