TikTok से रेयर अर्थ तक... ट्रंप-चिनफिंग की सीक्रेट टॉक, लेकिन यहां फंसा पेच; क्या है अमेरिका-चीन की रणनीति?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चार साल बाद पहली मुलाकात हुई। इस बैठक में रेयर अर्थ, फेंटेनाइल, रूस-यूक्रेन युद्ध और ताइवान जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। अमेरिका चाहता है कि चीन रूस से तेल की खरीद कम करे। टिकटॉक के भविष्य और तकनीकी प्रतिस्पर्धा पर भी बात होने की संभावना है। इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना है।
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ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात दुर्लभ पृथ्वी से टिकटॉक तक मुख्य मुद्दे (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को चार साल बाद पहली बार आमने-सामने मिलेंगे। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ महीनों से फिर से बढ़े तनाव को देखते हुए यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
ट्रंप के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद से वाशिंगटन और बीजिंग कई मोर्चों पर भिड़े हुए हैं, खासतौर पर व्यापार और वैश्विक प्रभाव को लेकर। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों की दिशा तय कर सकती है।
रेयर अर्थ और फेंटेनाइल विवाद
रेयर अर्थ मेटल्स पर चीन का वर्चस्व है जो रक्षा, ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में जरूरी हैं। बीजिंग ने हाल ही में इनकी एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई थी, जिसके जवाब में ट्रंप ने सभी चीनी सामानों पर 100% टैक्स लगाने का एलान किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि इतना ऊंचा टैक्स टिकाऊ नहीं है और उम्मीद जताई कि समझौता हो सकता है।
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फेंटेनाइल मुद्दे पर भी दोनों देशों में तनाव है। ट्रंप ने मार्च से चीन पर 20% टैरिफ लगाया है, यह कहते हुए कि बीजिंग अमेरिका में फैल रहे इस खतरनाक नशे को रोकने में नाकाम रहा है। चीन का कहना है कि उसने सहयोग किया है और टैक्स लगाकर इस समस्या का हल नहीं निकलेगा।
चीन ने फेंटेनाइल टैक्स के जवाब में अमेरिकी कृषि उत्पादों पर टैक्स लगा दिए थे, खासकर सोयाबीन पर। इससे अमेरिकी किसानों को बड़ा नुकसान हुआ, क्योंकि उनकी आधी से ज्यादा सोयाबीन चीन जाती थी। हाल ही में मलेशिया में हुई बातचीत में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि चीन अब बड़ी मात्रा में सोयाबीन खरीदने को तैयार हो गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात संभव
ट्रंप और शी चिनफिंग के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात हो सकती है। अमेरिका चाहता है कि चीन रूस से तेल खरीद कर करे, क्योंकि इससे मॉस्को को युद्ध के लिए फंड मिलता है। लेकिन चीन खद को तटस्थ बताया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप से अपील की है कि वे शी चिनफिंग पर रूस के समर्थन को कम करने का दबाव डालें।
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ताइवान का मुद्दा भी बैठक में उठ सकता है। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग की बात भी कह चुका है। अमेरिका भले ही ताइवान को अलग देश के रूप में नहीं मानता, लेकिन उसे आत्मरक्षा के लिए हथियार देता है।
तय होगा TikTok का भविष्य
AI तकनीक और चिप्स पर भी चर्चा तय मानी जा रही है। चीन अपनी चिप इंडस्ट्री को मजबूत कर रहा है ताकि अमेरिका पाबंदियों से बच सके। इस बीच, अमेरिकी चिप कंपनी Nvidia के सीईओ जेनसन हुआंग ने कहा है कि अगर अमेरिकी चिप्स चीन में नहीं बिके, तो सिलिकॉन वैली की बढ़त खतरे में पड़ सकती है।
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TikTok का भविष्य भी इस मुलाकात पर निर्भर है। अमेरिकी सरकार ने इसके चीनी मालिक ByteDance से नियंत्रण छीनकर इसे अमेरिकी निवेशकों के हाथ में देने की मंजूरी दी है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह सौदा गुरुवार को शी चिनफिंग की मौजूदगी में पूरा किया जा सकता है।

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