भारत के साथ संबंधों पर ट्रंप का अचानक कैसे बदला रुख? पूर्व राजनयिक ने कहा- टैरिफ थोपना गलत था
भारत के साथ संबंधों पर डोनाल्ड ट्रंप के रुख में आई नरमी दिखाती है कि उन्हें एहसास हो गया है कि उनकी आक्रामक व्यापार रणनीति से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। पूर्व राजनयिक केबी फैबियन के अनुसार ट्रंप के टैरिफ बिना किसी ठोस आधार के थे और भारत के संकल्प को कम आंकते थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के साथ संबंधों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख में आई नरमी ये बताती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ये एहसास होने लगा है कि भारत के साथ उनकी आक्रामक व्यापार रणनीति, विशेष रूप से रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ की धमकी, से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।
पूर्व भारतीय राजनयिक केबी फैबियन ने कहा कि ये टैरिफ बिना किसी ठोस आधार के लगाए गए थे, जो केवल ट्रंप के अनुमानों पर आधारित थे। इसके जरिये भारत के संकल्प को कम करके आंका गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के ट्वीट का सटीक जवाब दिया, लेकिन इसके बाद भी हम ये निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि हमें जल्द कोई बदलाव देखने को मिलेगा।
'ट्रंप ने जो किया वो गलत था'
हालांकि, ये एक इशारा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये महसूस कर लिया है कि उन्होंने अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर जो सोचा था कि भारत आत्मसमर्पण कर देगा, वैसा हुआ नहीं। उन्होंने ये समझ लिया है कि उन्होंने जो किया, वो गलत था।
फैबियन ने जोर देकर कहा कि दोस्ताना संबंधों और पारस्परिक व्यापार के लिए भारत हमेशा तैयार है, लेकिन किसी को ये अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि हम एकतरफा निर्णय और बलपूर्वक उपायों को स्वीकार कर लेंगे। फैबियन ने कहा कि ट्रंप को ये महसूस करना होगा कि भारत सभ्य लोगों का देश है। वह किसी का पिछलग्गू नहीं हो सकता है।
भारत को लेकर ट्रंप का नया बयान
भारत हर किसी का मित्र बनना चाहता है और व्यापार करना चाहता है, लेकिन भारत को कोई निर्देश नहीं दे सकता है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ उनके संबंध बहुत खास हैं और जोर दिया था कि पीएम मोदी हमेशा उनके मित्र रहेंगे और चिंता की कोई बात नहीं है।
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