क्या रूस और चीन से डर गया अमेरिका? ट्रंप ने दिया परमाणु हथियारों के तुरंत परीक्षण का आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पेंटागन को परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने कहा कि रूस और चीन अगले पांच वर्षों में अमेरिका की बराबरी कर सकते हैं। रूस ने हाल ही में पोसाइडन परमाणु-संचालित सुपर टॉरपीडो का परीक्षण किया है।
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ट्रंप ने दिया परमाणु परीक्षण आदेश (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने रक्षा विभाग को अन्य परमाणु शक्तियों के साथ "समान आधार" पर परमाणु हथियारों का परीक्षण तुरंत फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप गुरुवार को दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की है। इससे ठीक पहले ट्रंप ने कहा कि अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण, मैंने युद्ध विभाग को समान आधार पर हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया है। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ट ट्रंप ने कहा, "रूस दूसरे स्थान पर है और चीन तीसरे स्थान पर है, लेकिन 5 साल के भीतर हम बराबरी पर आ जाएंगे।" चीन और रूस अगले पांच वर्षों में अमेरिका की बराबरी कर सकता है। ट्रंप के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि अमेरिका को चीन और रूस का डर सताने लगा है कि वो कहीं आने वाले पांच सालों में हमसे आगे ना निकल जाएं।
रूस ने किया सुपर टॉरपीडो का परीक्षण
गौरतलब है कि रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि रूस ने पोसाइडन परमाणु-संचालित सुपर टॉरपीडो का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसके बारे में सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि यह विशाल रेडियोधर्मी समुद्री लहरों को ट्रिगर करके तटीय क्षेत्रों को तबाह करने में सक्षम है।
चूंकि ट्रंप ने रूस पर अपनी बयानबाजी और रुख दोनों को सख्त कर दिया है, पुतिन ने 21 अक्टूबर को एक नए बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल के परीक्षण और 22 अक्टूबर को परमाणु प्रक्षेपण अभ्यास के साथ सार्वजनिक रूप से अपनी परमाणु ताकत का प्रदर्शन किया है।
अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में किया था परीक्षण
संयुक्त राज्य अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। परीक्षण इस बात का प्रमाण देते हैं कि कोई भी नया परमाणु हथियार क्या करेगा और क्या पुराने हथियार अभी भी काम करते हैं। तकनीकी डेटा प्रदान करने के अलावा, इस तरह के परीक्षण को रूस और चीन में अमेरिकी सामरिक शक्ति के एक जानबूझकर दावे के रूप में देखा जाएगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने जुलाई 1945 में न्यू मैक्सिको के अलामोगोर्डो में 20 किलोटन के परमाणु बम के परीक्षण के साथ परमाणु युग की शुरुआत की और फिर अगस्त 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने के लिए जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए। (समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

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