मानहानि मामले में ट्रंप को झटका, संघीय अपील अदालत ने ट्रंप के खिलाफ सिविल जूरी के फैसले को रखा बरकरार
एक संघीय अपील अदालत ने डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ सिविल जूरी के फैसले को बरकरार रखा है जिसमें उन्हें ई. जीन कैरोल को मानहानि मामले में 8.33 करोड़ डॉलर का हर्जाना देने का आदेश दिया गया था। अदालत ने ट्रम्प के उस तर्क को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने मुकदमे से छूट का दावा किया था। जूरी ने पाया था कि ट्रम्प ने जानबूझकर कैरोल को बदनाम किया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक संघीय अपील अदालत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सिविल जूरी के फैसले को बरकरार रखा है। जूरी ने सोमवार को फैसला सुनाया था कि मानहानि मामले में ट्रंप को ई. जीन कैरोल को 8.33 करोड़ डालर के हर्जाने का भुगतान करना होगा। कैरोल न्यूयार्क की लेखिका हैं। जूरी ने पाया था कि ट्रंप ने जानबूझकर कैरोल को बदनाम किया था।
मैनहट्टन स्थित द्वितीय अमेरिकी सर्किट अपील न्यायालय ने ट्रंप के इस तर्क को खारिज कर दिया कि जनवरी 2024 के फैसले को पलट दिया जाना चाहिए क्योंकि वह मुकदमे से छूट के हकदार हैं, क्योंकि वह अमेरिका के राष्ट्रपति है। तीन जजों ने सर्वसम्मति से लिखा, इस मामले के असाधारण और गंभीर तथ्यों के मद्देनजर जूरी द्वारा दिए गए क्षतिपूर्ति के फैसले उचित थे।
यह है मामला
पूर्व स्तंभकार 81 वर्षीय कैरोल ने ट्रंप पर 1996 में बर्गडार्फ गुडमैन डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उन पर हमला करने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने उनके दावे का खंडन किया था, एक रिपोर्टर से कहा था कि कैरोल ''मेरे टाइप की नहीं हैं'' और उन्होंने अपने संस्मरण '' वाट डू वी नीड मैन फार?'' को बेचने के लिए कहानी गढ़ी थी। इससे पहले 13 जून को द्वितीय सर्किट ने कैरोल द्वारा मई 2023 में ट्रंप के खिलाफ इसी तरह के मानहानि और यौन उत्पीड़न के अन्य मामले में दिए गए 50 लाख डालर के जुर्माने के फैसले को बरकरार रखा था।
(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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