H-1B वीजा मामले में मुकदमों का सामना करेगा ट्रंप प्रशासन, कई संगठनों दी कोर्ट में चुनौती
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को एच-1बी वीजा शुल्क पर मुकदमों का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन का कहना है कि वीजा प्रणाली में धोखाधड़ी हो रही है, इसलिए बदलाव जरूरी हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने वीजा शुल्क बढ़ाया था, जिसके खिलाफ अमेरिकी चैंबर आफ कामर्स ने मुकदमा दायर किया है। प्रशासन का कहना है कि वह अदालत में इन मुकदमों का सामना करेगा और अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देगा।

एच1बी वीजा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के लिए नए आवेदनों पर लगाए गए एक लाख डॉलर शुल्क को चुनौती देने वाले मुकदमों का सामना करने की घोषणा की है। उसने कहा कि बहुत लंबे समय से वीजा प्रणाली में धोखाधड़ी हो रही है और अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने के लिए इसमें बड़े पैमाने पर परिवर्तन किया जाना चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत 19 सितंबर को वीजा शुल्क बढ़ाकर एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिकी चैंबर आफ कामर्स ने पिछले हफ्ते नए शुल्क को लेकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
मुकदमों का सामना करेगा ट्रंप प्रशासन- कैरोलिन लेविट
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को कहा, 'प्रशासन इन मुकदमों का अदालत में सामना करेगा। लंबे समय से एच-1बी वीजा सिस्टम में धोखाधड़ी हो रही है। इसी वजह से अमेरिकियों का वेतन कम हो गया है। इसलिए राष्ट्रपति इस सिस्टम को बेहतर बनाना चाहते हैं। यही एक वजह है कि उन्होंने नई नीति लागू की है।' लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की मुख्य प्राथमिकता अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देना और वीजा सिस्टम को मजबूत करना है।
इन संगठनों ने दी है चुनौती
ट्रंप प्रशासन के नए एच-1बी वीजा शुल्क के फैसले को कई यूनियनों, नियोक्ताओं और धार्मिक संगठनों ने कैलिफोर्निया की एक संघीय अदालत में चुनौती दी है। जबकि कारोबारी संगठन अमेरिकी चैंबर आफ कामर्स की तरफ से 16 अक्टूबर को कोलंबिया की जिला अदालत में मुकदमा दायर किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती दी गई है।
यह वीजा भारतीय पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा के अनुसार, हालिया वर्षों में जितना एच-1बी वीजा जारी किया है, उसमें 71 प्रतिशत से ज्यादा वीजा भारतीयों को मिला है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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