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    UN में ट्रंप ने कई डींगे हांकी, कहा- युक्रेन युद्ध को फंड कर रहे भारत-चीन; बीच में ही रुका टेलीप्रॉम्पटर फिर...

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और चीन पर रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को फंड करने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके अच्छे संबंध हैं पर वे निराश हैं। उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्धों को खत्म कराने का दावा किया है जबकि भारत ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकारा है।

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    UN में ट्रंप ने कई डींगे हांकी (फोटो सोर्स- एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रुकवाने में अभी तक नाकाम रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत और चीन पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देश रूस से तेल खरीदना जारी रखकर उसे फंडिंग कर रहे हैं।

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    रूसी तेल खरीदने के लिए ट्रंप प्रशासन पहले ही भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा चुका है, जिससे भारत पर अमेरिकी शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गए हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।वर्ष 2020 के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, ''चीन और भारत रूसी तेल की खरीद जारी रखकर चल रहे यूक्रेन युद्ध के प्राइमरी फंडर हैं।''

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं, लेकिन मैं उनसे निराश हूं। मुझे लगा था कि यह युद्ध रुकवाना सबसे आसान होगा। लेकिन हम इसे किसी न किसी तरह से हल कर ही लेंगे।'' ट्रंप ने कहा कि ऊर्जा की कीमतें युद्ध की समाप्ति से सीधे जुड़ी हैं।

    तेल की ड्रिलिंग पर नियंत्रण से रूस-यूक्रेन युद्ध स्वत: ही रुक जाएगा। अगर कीमतें थोड़ी और कम हो जाएं, तो यह रुक जाएगा। इस युद्ध में हर हफ्ते पांच से सात हजार लोग मर रहे हैं। ट्रंप ने अलास्का में पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता को भी याद किया जिसमें उन्होंने रूसी नेता से यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ सीधे बातचीत करने का आग्रह किया था।

    उन्होंने कहा कि उन प्रयासों के बावजूद शांति समझौता नहीं हो पाया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ''अगर रूस, युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे रक्तपात बहुत जल्दी रुक जाएगा। लेकिन इन टैरिफ के प्रभावी होने के लिए यूरोपीय देशों को हमारे साथ मिलकर ठीक यही उपाय अपनाने होंगे।''

    संयुक्त राष्ट्र की जमकर आलोचना की

    150 से अधिक विश्व नेताओं और संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष ट्रंप ने इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की जमकर आलोचना की। कहा, जिन युद्धों को उन्होंने समाप्त करवाने का दावा किया है, उनके बारे में संयुक्त राष्ट्र ने उनसे संपर्क तक नहीं किया। उन्होंने कहा, ''मैंने हमेशा कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में अपार क्षमता है। लेकिन यह उस क्षमता के करीब भी नहीं पहुंच पा रहा है। वे बस बहुत ही कड़े शब्दों वाला पत्र लिखते हैं और फिर उस पत्र पर कभी अमल नहीं करते। ये खोखले शब्द हैं और खोखले शब्दों से युद्धों का समाधान नहीं होता।'' अपने संबोधन के शुरुआती मिनटों में कम से कम दो बार ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी निशाना साधा।

    ट्रंप ने अब यूएन के मंच से किया भारत-पाक संघर्ष रुकवाने का दावा

    भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का लगातार दावा करते रहे ट्रंप ने अब संयुक्त राष्ट्र के मंच से यह दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में अपने इस कार्यकाल के सात महीनों के भीतर उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत सात युद्धों को खत्म कराया है।

    हालांकि भारत ने लगातार किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इन्कार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लगातार ट्रंप के दावों को खारिज किया है और कहा है कि संघर्ष रुकवाने में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।

    पाकिस्तान के अनुरोध पर यह संघर्ष रोका गया था।ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने अपने इस कार्यकाल में वह कर दिखाया है जिसे कई लोग असंभव मानते थे। कहा कि उन्होंने ऐसे युद्ध रुकवाए जिनके खत्म होने की कोई संभावना नहीं थी।

    इन युद्धों में पाकिस्तान और भारत, कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, इजरायल और ईरान, मिस्त्र और इथियोपिया, आर्मेनिया और अजरबैजान शामिल हैं। कुछ युद्ध 31 वर्षों से चल रहे थे और एक 36 वर्षों से और एक 28 वर्षों से। सभी युद्ध भयंकर थे और उनमें हजारों लोग मारे जा रहे थे।

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