ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी लॉटरी प्रणाली को खत्म करने का रखा प्रस्ताव, नए नियम जारी किए
अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर बड़े बदलाव होने वाले हैं जिससे भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर असर पड़ सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने नए नियम प्रस्तावित किए हैं जिसमें लॉटरी सिस्टम को बदलकर वेटेड सिलेक्शन प्रोसेस लागू करने का प्रस्ताव है। उच्च वेतन और कुशल कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में विदेशी कामगारों के लिए सबसे लोकप्रिय वीजा H-1B को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी है। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अब अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने नए प्रस्तावित किए हैं। इन नियमों से भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर सीधा असर पड़ सकता है, क्योंकि H-1B वीजा के अधिकतर लाभार्थी भारतीय ही होते हैं।
अभी तक H-1B वीजा लॉटरी सिस्टम से दिया जाता था। यानी आवेदन करने वालों में से किसी एक का चयन होता था। लेकिन नए प्रस्ताव में कहा गया है कि अब यह सिस्टम बदल जाएगा।
नए नियम के तहत वेटेड सिलेक्शन प्रोसेस लागू होगा। इसका मतलब है कि उच्च वेतन और अधिक कुशल कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी। हालांकि, सभी स्तरों के कर्मचारियों को आवेदन करने का मौका फिर भी रहेगा।
कितनी देनी होगी फीस
कुछ दिन पहले ट्रंप ने एक नई घोषणा पर साइन किया था। इसके तहत अब हर नए H-1B वीजा आवेदन पर 1 लाख डॉलर फीस देनी होगी। ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिकी कामगारों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा कि कंपनियां अब सिस्टम का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी और असली जरूरत वाले हाई-स्किल्ड लोग ही वीजा पा सकेंगे।
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