क्या है सेल्फ-डिपोर्ट, अमेरिका के सैकड़ों छात्रों को आया ई-मेल; क्यों रद हो गया F-1 वीजा?
अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग से चौंकाने वाला ईमेल मिला जिसमें उनके एफ-1 वीजा को रद करने और आत्म-निर्वासन का आदेश दिया गया। यह कार्रवाई छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर आधारित है। कुछ छात्रों का कहना है कि बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के भी उनका वीजा रद किया गया। यह मामला अमेरिका में स्वतंत्रता और आप्रवासन कानूनों के बीच गंभीर सवाल उठा रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग से एक चौंकाने वाला ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्हें सेल्फ-डिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है।
यह कार्रवाई विशेष रूप से उन छात्रों पर की जा रही है, जो कैंपस गतिविधियों में शामिल रहे हैं और जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियों को एंटी नेशनल या विरोधी गतिविधियों के रूप में देखा गया है।
इसमें केवल उन छात्रों को नहीं निशाना बनाया गया जिन्होंने सीधे विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया, बल्कि जो केवल सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट शेयर, लाइक या कमेंट करते थे उन्हें भी निशाना बनाया गया है।
एफ-1 वीजा क्या है?
एफ-1 वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई करने की अनुमति देता है। इस वीजा के लिए छात्रों को एक मान्यता प्राप्त संस्थान में फुल-टाइम कोर्स में दाखिला लेना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके पास अपनी शिक्षा और रहने के खर्चों को संभालने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन हैं।
अमेरिका का कड़ा रुख
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका के पास यह अधिकार है कि वह यह तय करे कि कौन अमेरिका में आएगा और कौन नहीं। रुबियो ने "कैच एंड रिवोक" (Catch And Revoke) नामक एक AI आधारित ऐप लॉन्च किया है, जो छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी करता है और जिन छात्रों पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का संदेह होता है, उनके वीजा रद कर दिए जाते हैं।
क्या था चौंकाने वाला ईमेल?
विभाग ने छात्रों को सूचित किया कि उनका एफ-1 वीजा अमेरिकी इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता कानून की धारा 221(i) के तहत रद कर दिया गया है। ईमेल में चेतावनी दी गई है कि यदि छात्र बिना वैध वीजा के अमेरिका में रहे तो उन्हें जुर्माना, हिरासत या निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, छात्रों को चेतावनी दी गई है कि वे रद किए गए वीजा का इस्तेमाल न करें और अपने पासपोर्ट को अमेरिकी दूतावास में पेश करें।
छात्रों और आप्रवासियों में चिंता
अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि वीजा कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है और जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे उन्हें देश से बाहर जाना होगा। इस फैसले को लेकर कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीतिक मीम्स पोस्ट किए थे, लेकिन इसका मतलब क्या उनके एफ-1 वीजा रद करने का कारण बनना चाहिए?
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