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    भारत और अमेरिका के सहयोग का अगला मुकाम होगा अंतरिक्ष, भारतीय राजदूत संधू ने कहा- मानवता को मिलेगा इसका लाभ

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 16 Sep 2023 05:00 AM (IST)

    भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय सहयोग के लिए धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी असीम संभावनाएं हैं। दोनों देशों के सहयोग का अगला मुकाम अब अंतरिक्ष बनेगा। यह बात अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कही है। भारतीय राजदूत ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के लिए अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाना और नई संभावनाओं पर कार्य करना बिल्कुल स्वाभाविक है।

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    भारत और अमेरिका के सहयोग का अगला मुकाम होगा अंतरिक्ष।

    वाशिंगटन, पीटीआई। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय सहयोग के लिए धरती ही नहीं अंतरिक्ष में भी असीम संभावनाएं हैं। दोनों देशों के सहयोग का अगला मुकाम अब अंतरिक्ष बनेगा। यह बात अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कही है।

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    अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाना स्वाभाविकः संधू

    भारतीय राजदूत ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के लिए अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाना और नई संभावनाओं पर कार्य करना बिल्कुल स्वाभाविक है। भारतीय राजदूत ने यह बात अमेरिकी समाचार पत्रिका वाशिंगटन एक्जामिनर के अपने लेख में कही है।

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    संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर अंतरिक्ष संबंधी फायदे अर्जित कर सकते हैं और उन्हें विश्व के अन्य देशों तक पहुंचा सकते हैं। इस समय भी भारत कई देशों को कई फायदे पहुंचा रहा है।

    उन्होंने कहा कि भारत वन क्षेत्र में लगने वाली आग, सौर ऊर्जा का आकलन और मौसम संबंधी आंकड़ों की सूचनाएं देकर कई देशों का सहयोग कर रहा है जबकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने अर्थ ऑब्जर्वेशन के आंकड़ों और अन्य नए कार्यों से विश्व के कई भागों को लाभान्वित कर रही है। दोनों देश मिलकर विश्व को लाभ पहुंचाने वाले कई अन्य कार्य भी कर सकते हैं।

    भारत-अमेरिका सहयोग का अगला मुकाम अंतरिक्षः संधू

    भारतीय राजदूत ने भारत-अमेरिका सहयोग का अगला मुकाम अंतरिक्ष, शीर्षक वाले लेख में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद कहा है कि यह केवल भारत का नहीं बल्कि पूरी मानवता का है। सहायता करने की यह भावना ही भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करती है। इसीलिए दोनों देशों के नेता इस दोस्ती को विश्व के लिए अच्छा बताते हैं।

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    उन्होंने कहा कि इस दोस्ती का विस्तार सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा सहयोग और साफ-सुथरी ऊर्जा से लेकर जटिल तकनीक तक है। इन सभी का उद्देश्य मानवता की सेवा है। यह पूरी तरह से स्वाभाविक और इसे हमें निरंतर मजबूत करना है। भारत और अमेरिका साथ हों तो आकाश में भी कोई सीमा नहीं होगी।

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