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    US ने 'India Middle East Europe Economic Corridor' पर सहमति को बताया मील का पत्थर, BRI का विकल्प बन रहा IMES

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 12 Sep 2023 04:21 PM (IST)

    नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका भारत सऊदी अरब संयुक्त अरब अमीरात फ्रांस जर्मनी इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच आपसी सहमति से भारत पश्चिमी एशिया व यूरोप के बीच आर्थिक गलियारे की संयुक्त घोषणा एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस नए आर्थिक गलियारे को चीन के विवादित बेल्ट एंड इनीशिएटिव (BRI) का विकल्प माना जा रहा है।

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    इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनामिक कारिडोर की सहमति से को अमेरिका ने कनेक्टिविटी का एक नया युग बताया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    वॉशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका ने भारत की जी-20 अध्यक्षता को बड़ी सफलता बताते हुए इसकी सराहना की है। उसने कहा कि इस दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनामिक कारिडोर (India Middle East Europe Economic Corridor) पर सहमति बनना एक मील का पत्थर है। यह कनेक्टिविटी का एक नया युग होगा। एशिया और यूरोप के बीच रेल व शि¨पग नेटवर्क के बाद दोनों महाद्वीपों में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी।

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    बीआरआइ के लिए विकल्प माना जा रहा आइएमईसी

    नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच आपसी सहमति से भारत, पश्चिमी एशिया व यूरोप के बीच आर्थिक गलियारे की संयुक्त घोषणा एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस नए आर्थिक गलियारे को चीन के विवादित बेल्ट एंड इनीशिएटिव (BRI) का विकल्प माना जा रहा है।

    इएमईसी एक बड़ी उपलब्धि: अमेरिका

    अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को नियमित प्रेसवार्ता में कहा कि आइएमईसी एक बड़ी उपलब्धि है। इससे एशिया और यूरोप महाद्वीपों के बीच आर्थिक वृद्धि व आर्थिक विकास के साथ ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ेगा।

    उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आइएमईसी समझौता ज्ञापन से अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, यूएई, ईयू व अन्य जी-20 साझेदारों के बीच शिपिंग और रेल ट्रांसपोर्टेशन कोरिडोर से भारत और पश्चिम एशिया व यूरोप के बीच वाणिज्य, ऊर्जा और डाटा का प्रवाह रफ्तार पकड़ेगा।