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    सिख बुजुर्ग महिला को हिरासत में लेने पर अमेरिका में आक्रोश, 33 साल से गुजार रहीं जीवन

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    कैलिफोर्निया में 33 साल से रह रहीं 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर को आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है जिसके बाद सिख समुदाय में आक्रोश है। हरजीत के परिवार और समर्थकों ने उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शन किया है। सांसद जान गारमेंडी ने आईसीई से हरजीत को परिवार से मिलाने का अनुरोध किया है।

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    सिख बुजुर्ग महिला के लिए अमेरिका में प्रदर्शन।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 33 साल से अमेरिका में रह रहीं 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर को कैलिफोर्निया में आव्रजन अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने का मामला सामने आने के बाद सिख समुदाय समेत प्रवासी भारतीय आक्रोशित हैं। हरजीत के परिवार ने रिहाई की मांग की है।

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    हरजीत के परिवार, इंडिविजिबल वेस्ट कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी और सिख सेंटर ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में अमेरिका के सांसद जान गारमेंडी, स्थानीय प्रतिनिधि और कई नेता शामिल हुए।

    कौन हैं हरजीत कौर?

    गौरतलब है कि हरजीत को इस सप्ताह के शुरू में नियमित जांच पड़ताल के दौरान इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (आइसीई) अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। उन्हें बेकरसफील्ड के डिटेंशन सेंटर में ले जाया गया है। हरजीत 30 से अधिक वर्षों से अमेरिका के उत्तरी कैलिफोर्निया के ईस्ट बे में रह रही हैं। उनके दो पोते और तीन पोतियां हैं।

    हरजीत एक दशक से भी ज्यादा समय से नियमित आव्रजन जांच (जो हर छह महीने में होती है) का पालन कर रही थीं। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

    रिपोर्ट के अनुसार, हरजीत के पास कोई दस्तावेज नहीं था। वह अवैध प्रवासी हैं। वह 1992 में भारत से दो बेटों के साथ सिंगल मदर के रूप में अमेरिका आई थीं।

    उनके परिवार का क्या कहना है?

    उनकी बहू मंजी कौर ने बताया कि 2012 में हरजीत के शरण आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन तब से वह 13 साल से भी अधिक समय से हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को स्थित आईसीई में आती रहीं।

    प्रदर्शन में शामिल लोगों का क्या कहना है?

    मीडिया रिपोर्ट में गारमेंडी के हवाले से कहा गया है कि उनके कार्यालय ने आईसीई से अनुरोध किया है कि हरजीत को उसके परिवार से मिलाया जाए।

    गारमेंडी ने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी आव्रजन नीति में बुरे लोगों को हटाने का वादा किया था। फिर भी ट्रंप प्रशासन ने 73 वर्षीय महिला को हिरासत में लेने का निर्णय लिया, जिनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। हमारा कार्यालय उनके परिवार का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

    लोकल काउंसिल के सदस्य दिली भट्टाराई ने कहा, वह कोई नुकसान नहीं पहुंचा रही हैं। समुदाय के सदस्य के रूप में उन्हें यहां रहने का पूरा अधिकार है। हम सभी को उनकी तत्काल रिहाई का समर्थन करना चाहिए।

    हरजीत की पोती सुखदीप कौर ने कहा, हम सभी सदमे में हैं। हरजीत के परिवार ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। परिवार ने कहा कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे थायरायड, माइग्रेन, घुटने का दर्द और चिंता के कारण हिरासत में रहना उनके के लिए खतरा हो सकता है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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