US Visa Rules: भारतीयों की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें? टैरिफ के बाद डोनाल्ड ने निकाला 'ट्रंप कार्ड'
भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव के बीच अमेरिका ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया है। नए नियमों के अनुसार नॉन-इमिग्रेंट वीजा (NIV) आवेदकों को अपने देश या कानूनी निवास से ही इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। इससे उन भारतीयों पर असर पड़ेगा जो जल्दी अपॉइंटमेंट के लिए दूसरे देशों का सहारा लेते थे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच जारी उतार-चढ़ाव भरे रिश्तों के बीच एक और टेंशन वाली खबर आई है। अमेरिका ने वीजा नियमों को सख्त (America tightens visa rules) कर दिया है, इसका असर भारतीयों पर भी पड़ेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नॉन-इमिग्रेंट वीजा (NIV) के लिए आवेदन करने वाले लोगों को अब अपने देश या कानूनी निवास वाली जगह से ही इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। इस नए आदेश के बाद भारतीय किसी दूसरे देश का सहारा लेकर जल्दी में अपॉइंटमेंट नहीं ले पाएंगे।
अमेरिका ने वीजा नियमों में किए बदलाव
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नए वीजा नियम वैश्विक स्तर पर लागू किए जाएंगे। बयान में कहा गया है, "तत्काल प्रभाव से विदेश विभाग ने गैर-अप्रवासी वीजा आवेदकों के लिए नियमों को अपडेट कर दिया है। अब आवेदकों को अपने देश या कानूनी निवास स्थान से अमेरिकी दूतावास में वीजा इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा।"
किन भारतीयों पर होगा असर?
ट्रंप प्रशासन के इस कदम का सीधा असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जिन्होंने हाल ही सालों में लंबित आवेदनों से बचने के लिए सिंगापुर, थाईलैंड और जर्मनी में इंटरव्यू सीटों के लिए आवेदन किया है। इसका सीधा मतलब ये है कि जिन भारतीयों को जल्दी अमेरिका जाना है, वो विदेश में B1 (व्यवसायिक) B2 (पर्यटन) अपॉइंटमेंट नहीं ले पाएंगे।
नई नीति के तहत यह विकल्प अब उपलब्ध नहीं है, सिवाय कुछ अपवादात्मक परिस्थितियों के, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका नियमित रूप से एनआईवी ऑपरेशन नहीं करता है।
इसमें कहा गया है कि जिन देशों में अमेरिकी सरकार नियमित गैर-आप्रवासी वीजा संचालन नहीं करती, उनके नागरिक निर्दिष्ट दूतावास या वाणिज्य दूतावास में आवेदन कर सकते हैं, जब तक कि उनका निवास कहीं और न हो। इस श्रेणी में अफगानिस्तान, क्यूबा, चाड, रूस और ईरान जैसे कई अन्य देशों के नागरिक या निवासी शामिल हैं।
बढ़ जाएगी लंबित आवेदनों की संख्या
एक्सपर्ट की मानें तो नए नियमों के चलते पहले से ही बढ़ते लंबित आवेदनों की संख्या और बढ़ सकती है। इस साल की शुरूआत में वीजा वेटिंग टाइम हैदराबाद, मुंबई और कोलकाता में 3.5 महीने से लेकर 5 महीने तक की थी, वहीं चेन्नई में ये अवधि 9 महीने तक पहुंच गई थी।
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