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    'वो दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे', संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Tue, 26 Sep 2023 08:33 PM (IST)

    भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी जिम्मेदारियों को समझता है। विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तीव्र है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है नई दिल्ली शिखर सम्मेलन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं।

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    संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर। (फोटो- एपी)

    न्यूयॉर्क, एएनआई। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह कह कर विश्व की बड़ी शक्तियों को आईना दिखाने का ही काम किया कि वह जमाना चला गया, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और यह अपेक्षा करते थे कि अन्य सभी देश उसका अनुसरण करें। यह अच्छा हुआ कि उन्होंने यह कहकर कनाडा और अमेरिका को भी यह जरूरी संदेश देने का काम किया कि राजनीतिक सुविधा से आतंकवाद पर कार्रवाई स्वीकार्य नहीं।

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    कनाडा में खालिस्तान समर्थक को संरक्षण

    ज्ञात हो कि जहां कनाडा खालिस्तानी आतंकियों को संरक्षण देने में लगा हुआ है, वहीं अमेरिका भी खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के प्रति नरमी बरत रहा है। भले ही कनाडा में एक खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर अमेरिका भारत को नसीहत देने में लगा हो, लेकिन भारतीय विदेश मंत्री के कथन से यह साफ है कि भारत कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बेतुके आरोपों को कोई महत्व नहीं देने वाला। इन आरोपों का कोई मतलब भी नहीं, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ यही साफ हो रहा है कि जस्टिन ट्रूडो ने संकीर्ण राजनीतिक कारणों से निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का झूठा आरोप लगाया।

    जयशंकर ने कूटनीति और संवाद पर दिया जोर

    विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तीव्र है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है, नई दिल्ली शिखर सम्मेलन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं। 

    विदेश मंत्री ने भारतीय साझेदारी को लेकर कहा,

    विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम 'विश्व मित्र - दुनिया के लिए एक मित्र' के युग में विकसित हो गए हैं। यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है। यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है; यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है।

    भारत ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में स्थाई सदस्यता दिलाईः जयशंकर

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की पहल की वजह से G-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली है। ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका काफी समय से हक रहा है।

    उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो उससे भी पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए।

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    महिला आरक्षण बिल पर क्या बोले विदेश मंत्री

    महिला आरक्षण बिल को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।

    जयशंकर ने तुर्किये और सीरिया का दिया उदाहरण

    विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। उन्होंने तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप का उदाहरण दिया। 

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