Russia Ukraine Crisis: पुतिन अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों को क्यों बार-बार कर रहे आगाह, क्या है इसकी वजह
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने (Russia President Vladimir Putin) अमेरिका और उसके मित्र पश्चिमी मुल्कों को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस अ ...और पढ़ें

नई दिल्ली, [आनलाइन डेस्क]। रूस और यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई के विनाशकारी स्वरूप में तब्दील होने की आशंकाएं हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) ने अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों को चेतावनी दी है। पुतिन ने कहा है कि वह रूस की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने तीन लाख अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है। जानें रूसी राष्ट्रपति के इन संकेतों के मायने...
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बेहद खतरनाक मोड़ पर दुनिया
समाचार एजेंसी एपी ने रूसी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रूस की ओर से तीन लाख अतिरिक्त सैनिकों की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है। समाचार एजेंसी रायटर ने अपनी रिपोर्ट में इसको द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की रूस की बड़ी सैन्य तैनाती करार दिया है। इसके साथ ही पुतिन ने अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों को एटमी धमकी देते हुए कहा है कि यह केवल बयानबाजी नहीं है।
रूस के इन कदमों की वजह...
रूसी राष्ट्रपति की ओर से जारी उक्त चेतावनी और बड़ी सैन्य तैनाती के आदेश की कई वजहें हैं। पहली वजह है नाटो मुल्कों के उकसावे वाले बयान... दूसरी अमेरिका की ओर से यूक्रेन को लगातार दी जा रही सैन्य और आर्थिक मदद। यही नहीं रूस विरोधी पश्चिमी मुल्कों की लामबंदी और प्रतिबंधों ने भी पुतिन को कड़े प्रतिक्रियात्मक कदमों को उठाने के लिए विवश किया है।
नाटों मुल्कों के बयान से भड़के पुतिन
समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुतिन ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों पर 'एटमी ब्लैकमेलिंग' का आरोप लगाया और रूस के खिलाफ जनसंहार के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना के बारे में नाटो मुल्कों के शीर्ष प्रतिनिधियों के बयानों का जिक्र भी किया। पुतिन ने कहा कि रूस के पास भी तबाही हथियार हैं जो नाटो मुल्कों से ज्यादा घातक और आधुनिक हैं।
यूक्रेन की मदद भी बड़ी वजह
पुतिन के गुस्से की वजह यूक्रेन को अमेरिका एवं अन्य मुल्कों से लगातार दी जाने वाले मदद भी है। दरअसल पश्चिमी मुल्कों की मदद के चलते यूक्रेन ने युद्ध के कई मोर्चों पर बढ़त ली है। रिपोर्टों के मुताबिक हाल के दिनों में यूक्रेनी सेना ने अपने कुछ शहरों को रूसी सेना के चंगुल से छुड़ा लिया है।
बड़ी संख्या में मारे जा चुके हैं रूसी जवान
समाचार एजेंसी एपी ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू के हवाले से बताया है कि यूक्रेन के साथ युद्ध में 5,937 रूसी जवान मारे गए हैं। हालांकि यूक्रेन का कहना है कि मारे गए रूसी जवानों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। इस साल फरवरी के बाद के घटनाक्रम पर नजर डालें तो स्पष्ट है कि तेजी से बदलते वैश्विक माहौल में पुतिन की धमकियों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
पुतिन पर बढ़ रहा दबाव
समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जारी लड़ाई में यूक्रेन की बढ़त के चलते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर वैश्विक मंचों से लेकर आवाम तक का दबाव बढ़ने लगा है। वहीं अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है रूस इस लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने के लिए अमेरिका के धुर विरोधी मुल्कों को साथ लेने की कोशिशें कर रहा है। सनद रहे रूस पहले से यूक्रेन में ईरान के बने ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में चीन से भी उसने कई बड़े समझौते किए हैं। उत्तर कोरिया से भी रूस की नजदीकियां जग जाहिर हैं।

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