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    Civil War Massacre: गृह युद्ध नरसंहार के लिए सेवानिवृत्त ग्वाटेमाला कर्नल को सुनाई गई 20 साल की सजा

    By Jagran NewsEdited By: Versha Singh
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 10:19 AM (IST)

    सेवानिवृत्त ग्वाटेमाला कर्नल जुआन ओवले सालाजार को लगभग 40 साल पहले 25 स्वदेशी लोगों के नरसंहार में उनकी भूमिका के लिए गुरुवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई। इस नरसंहार में ज्यादातर बच्चे थे। न्यायाधीश वाल्टर मजारीगोस ने ग्वाटेमाला सिटी अदालत में सजा सुनाते हुए कहा कि मध्य अमेरिकी देश की सेना और नागरिक सुरक्षा के 8 अन्य पूर्व सदस्यों को बरी कर दिया गया है।

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    गृह युद्ध नरसंहार के लिए सेवानिवृत्त ग्वाटेमाला कर्नल को सुनाई गई 20 साल की सजा

    ग्वाटेमाला सिटी, एजेंसी। सेवानिवृत्त ग्वाटेमाला कर्नल जुआन ओवले सालाजार को लगभग 40 साल पहले 25 स्वदेशी लोगों के नरसंहार में उनकी भूमिका के लिए गुरुवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई। इस नरसंहार में ज्यादातर बच्चे थे।

    न्यायाधीश वाल्टर मजारीगोस ने ग्वाटेमाला सिटी अदालत में सजा सुनाते हुए कहा कि मध्य अमेरिकी देश की सेना और नागरिक सुरक्षा के 8 अन्य पूर्व सदस्यों को बरी कर दिया गया है।

    ओवेले अदालत में उपस्थित हुए लेकिन कुछ नहीं बोले और उनके वकील टिप्पणी के लिए उस समय मौजूद नहीं थे। न्यायाधीश ने कहा, सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उसके पास 5 सितंबर से 10 दिन का समय होगा।

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    बता दें कि 17 बच्चों सहित 25 माया अची लोगों (Maya Achi people) का नरसंहार 29 जुलाई 1982 को राजधानी के उत्तर में एक पहाड़ी गांव रैंचो बेजुको (Rancho Bejuco) में हुआ था। यह जनरल एफ्रेन रियोस मॉन्ट के 17 महीने के शासन के दौरान हुआ था, जो 36 साल के गृहयुद्ध का सबसे खूनी काल था।

    रियोस मॉन्ट को 2013 में नरसंहार का दोषी ठहराया गया था लेकिन बाद में एक उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बदल दिया था।

    अभियोजकों ने कहा कि ओवले ने नरसंहार का आदेश दिया था क्योंकि रैंचो बेजुको के कुछ निवासियों ने नागरिक आत्मरक्षा गश्ती दल में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

    अभियोजन पक्ष ने कहा कि 6 प्रतिवादी PAC के सदस्य थे और दो सैन्य आयुक्त थे जिन्होंने सेना और PAC अभियानों का समन्वय किया था।

    आठों को बरी करने के अपने फैसले पर न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने ओवले के आदेश पर काम किया था और यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया होता तो उन्हें मार दिया गया होता।

    वहीं, पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा कि वे बरी किए गए लोगों के खिलाफ अपील करेंगे। वकील लूसिया जिलोज ने कहा, हमारा मानना है कि उन सभी को दोषी ठहराने का फैसला देने के कई कारण थे।