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    संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी इलाकों पर रूसी कब्जे के खिलाफ प्रस्ताव पारित, वोटिंग में भारत नहीं हुआ शामिल

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Thu, 13 Oct 2022 04:11 AM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के चार क्षेत्र लुहान्स्क डोनेट्स्क जापोरिज्जिया और खेरसॉन पर रूस के कब्जे के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 143 सदस्यों ने मतदान किया जबकि पांच ने विरोध में वोट दिया है।

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    संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पारित

    न्यूयॉर्क, एएनआई: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने यूक्रेन के चार क्षेत्र लुहान्स्क, डोनेट्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन पर रूस के कब्जे के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 143 सदस्यों ने मतदान किया, जबकि पांच ने विरोध में वोट दिया है। वहीं, भारत समेत 35 अन्य देशों ने मतदान में भाग लेने से परहेज किया। यह प्रस्ताव रूस द्वारा सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें भारत ने भाग नहीं लिया था।

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    किसी ने भी नहीं किया वीटो का इस्तेमाल

    संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को रूस के खिलाफ पारित हुए प्रस्ताव में किसी भी सदस्य देश ने वीटो का इस्तेमाल नहीं किया। यह मतदान सोमवार को यूएनजीए में यूक्रेन और रूस के बीच भिड़ंत के दो दिन बाद हुआ है। वहीं, सोमवार को भारत ने यूक्रेन के क्षेत्रों पर रूस के कब्जे की निंदा करने के लिए एक मसौदे गुप्त मतदान की जगह सार्वजनिक मतदान के पक्ष में मतदान किया था।

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    भारत ने किया खुले मतदान का समर्थन

    रूस द्वारा यूक्रेन के मुद्दे पर गुप्त मतदान का प्रस्ताव रखने के बाद अल्बानिया ने खुले मतदान का पक्ष रखा था। भारत ने भी अल्बानिया द्वारा रखे प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। अल्बानियाई प्रस्ताव के पक्ष में 107 वोट मिले, जिसमें 13 देशों ने वोट का विरोध किया और 39 ने परहेज किया। चीन, ईरान और रूस सहित चौबीस देशों ने मतदान नहीं किया था। गौरतलब है कि बीते दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के जीते हुए चार क्षेत्रों को अपने देश में मिलाने के लिए संधि पर हस्ताक्षर किए थे। क्रेमलिन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में पुतिन ने कहा था कि लुहांस्क, दोनेत्स्क, खेरसान क्षेत्र और जपोरीजिया क्षेत्र हमेशा के लिए हमारे देश का हिस्सा बन रहे हैं।

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