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    हवाई सफर पर कम हो रहा है लोगों का भरोसा, सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे; पायलट्स को भी सता रही चिंता

    विमान दुर्घटनाओं में हुई हालिया वृद्धि के बाद से ही हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। न सिर्फ पैसेंजर बल्कि पायलट्स भी इसे लेकर चिंतित हैं। कोरोना लॉकडाउन खत्म होने के बाद से ही सिस्टम पर काफी दबाव है। ऐसे में लोगों का भरोसा भी कम हुआ है। फरवरी में हुए सर्वे में महज 64 फीसदी लोगों ने हवाई यात्रा को सुरक्षित माना है।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Fri, 07 Mar 2025 07:37 PM (IST)
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    2024 में हुए सर्वे में 71 फीसदी वयस्कों ने एयर ट्रैवल को सेफ बताया था (फोटो: रॉयटर्स/प्रतीकात्मक)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैसे तो हवाई मार्ग को परिवहन का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है, लेकिन हाल में हुई कुछ दुर्घटनाओं के बाद से लोगों का इस पर भरोसा कम होने लगा है। ये जानकारी एक सर्वे में सामने आई है।

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    दरअसल एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च ने फरवरी में सर्वे किया, जिसमें यूएस के 64 फीसदी एडल्ट का मानना है कि हवाई यात्रा अभी भी सेफ है। ये आंकड़े इसलिए चौंकाने वाले हैं, क्योंकि 2024 में हुए इसी सर्वे में 71 फीसदी वयस्कों ने इसे सेफ बताया था।

    डीसी क्रैश के बाद हुआ सर्वे

    जाहिर है कि केवल एक साल के भीतर ही हवाई यात्रा के प्रति लोगों का भरोसा कम हुआ है। यहां बताना दिलचस्प है कि सर्वे को डीसी में हुए प्लेन क्रैश के बाद किया गया था, लेकिन सर्वे के बाद ही डेल्टा एयरलाइन के प्लेन क्रैश की घटना भी सामने आई थी।

    कई पैसेंजर का मानना है कि पायलट फ्लाइट डेक के पीछे लॉक होते हैं और पीएम सिस्टम में सिर्फ उनकी आवाज सुनाई देती है, इसलिए उन्हें सुरक्षा का भरोसा नहीं जग पाता। हालांकि कई ऐसे मामले भी देखे गए हैं, जिसमें पायलट्स ने पैसेंजर के बीच जाकर उन्हें सुरक्षित उड़ान का भरोसा दिया है।

    सिस्टम पर पड़ रहा काफी प्रेशर

    • कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के बाद स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो गईं और अब एविएशन सेक्टर पर काफी प्रेशर है। सिर्फ पैसेंजर ही नहीं, पायलट्स भी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। एलाइड पायलट्स एसोसिएशन के प्रवक्ता ने कहा कि टेक्नोलॉजी अपग्रेड नहीं की जा रही है, विमानों को जल्दी से जल्दी उड़ाने का दबाव है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने वाकई समस्या है।
    • हालांकि कुछ लोगों का मानना है शुरुआती दशकों के मुकाबले इस समय विमान दुर्घटनाएं में काफी कमी आई है। एसोसिएशन का कहना है कि यात्रियों का चिंतित होना ठीक है, लेकिन उन्हें फ्लाइट में उड़ाने भरने से डरना नहीं चाहिए।
    • हाल ही में शिकागो मिडवे एयरपोर्ट पर पायलट को प्लेन उतारने की परमिशन मिल गई थी, लेकिन आखिरी समय में उसने लैंडिंग रद कर दी, क्योंकि रनवे पर एक ओर जेट मौजूद था। जानकार कहते हैं कि पायलट ने वही किया, जिसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी गई है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर पर भी काफी दबाव है। उन्हें सेकेंड के हिसाब से शेड्यूलिंग करनी पड़ती है।

    अमेरिका में विमान दुर्घटनाओं में वृद्धि

    अमेरिका में बीते कुछ समय में विमान दुर्घटनाओं की संख्या में काफी वृद्धि देखने को मिली है। 29 जनवरी को डीसी के पास कॉमर्शियल जेटलाइनर और सेना के हेलीकॉप्टर की टक्कर हो गई थी। इसमें 67 लोगों की मौत हो गई थी।

    इसके बाद 31 जनवरी को फिलाडेल्फिया में एक चिकित्सा परिवहन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार छह लोगों और जमीन पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके कुछ दिनों बाद ही पश्चिमी अलास्का में एक छोटा यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसका मलबा शुक्रवार को समुद्री बर्फ के टुकड़े पर मिला।

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