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    US News: अमेरिका में H1-B वीजा के प्रावधानों को बदलने का प्रस्ताव, सांसद सैंडर्स ने सीनेट में पेश किया बिल

    अमेरिका में एच-1 बी वीजा के प्रावधानों को बदलने का प्रस्ताव सीनेट में पेश किया गया है। सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा है कि एच-1 बी वीजा का उद्देश्य सबसे अच्छे और सबसे होशियार पेशेवरों को देश में लाने का नहीं है। लेकिन कंपनियां कम वेतन वाले गेस्ट वर्कर लाकर अपना काम करवा रही हैं। यह अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 17 Jan 2025 05:30 AM (IST)
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    अमेरिका में एच-1 बी वीजा के प्रावधानों को बदलने का प्रस्ताव सीनेट में पेश (सांकेतिक तस्वीर)

    पीटीआई, वाशिंगटन। अमेरिका के एच-1 बी वीजा का उद्देश्य उच्च आय वाली अमेरिकी नौकरियों को कम वेतन वाले विदेशी गेस्ट वर्कर से भरना है। प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कंपनियों की इस नीति पर प्रहार करने वाला संशोधन प्रस्ताव सीनेट में पेश किया है।

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    अमेरिका में विदेशी गेस्ट वर्कर बुलाने पर रोक

    इस प्रस्ताव के अनुसार एच-1 बी वीजा देकर अमेरिका में विदेशी गेस्ट वर्कर बुलाने पर रोक लगाई जाएगी। सैंडर्स का प्रस्ताव आव्रजन से संबंधित लाकेन रिले एक्ट में बदलाव के लिए आया है।

    सैंडर्स ने कहा है कि एच-1 बी वीजा का उद्देश्य सबसे अच्छे और सबसे होशियार पेशेवरों को देश में लाने का नहीं है। लेकिन कंपनियां कम वेतन वाले गेस्ट वर्कर लाकर अपना काम करवा रही हैं। यह अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है जिसका असर लंबे समय बाद दिखाई देगा।

    कंपनियों पर सरकार पेनल्टी लगाएगी

    सैंडर्स ने कहा कि कम वेतन पर काम कराने वाली कंपनियों पर सरकार पेनल्टी लगाएगी। इससे सरकार को राजस्व का लाभ होगा। यह राजस्व संग्रह 37 करोड़ डालर प्रतिवर्ष तक हो सकता है। इस धनराशि से सरकार 20 हजार अमेरिकी छात्रों को वजीफा दे सकती है। ये छात्र विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित आदि विषयों के होंगे। यही छात्र अच्छे पेशेवर बनकर अमेरिका के विकास की गति को तेज करेंगे।

    अमेरिका ने चीन की 25 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

    अमेरिका ने विकसित तकनीक से जुड़ी चीन की दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों पर प्रतिबंध की घोषणा की है। प्रतिबंध के बाद ये कंपनियां और लोग अमेरिका से किसी भी तरह का संबंध नहीं रख पाएंगे और उनकी संपत्तियां भी जब्त होंगी।

    जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा है उनमें कई भाषाओं को समझने में काम करने वाली जीपू एआइ और हाईटेक चिप बनाने वाली सोफगो शामिल है। सोफगो के बनाए चिप हुआवे के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस प्रोसेसर में लगाए जाते हैं। हुआवे पर अमेरिका 2019 में ही प्रतिबंध लगा चुका है।

    सिंगापुर की भी दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

    अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन को जाने वाले चिप को प्रभावी तरीके से रोकने का संकल्प भी व्यक्त किया है। इन दोनों कंपनियों समेत 25 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। इसी के साथ सिंगापुर की भी दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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