H1B वीजा को लेकर चिंता में केंद्र सरकार, अमेरिकी कंपनियों से फीडबैक ले रहा IT मंत्रालय; पूछा- अब हालात कैसे
अमेरिका में भारतीय एच-1बी वीजा होल्डर के खिलाफ हो रहे विरोध को लेकर केंद्र सरकार चिंता में आ गई है। विदेश मंत्रालय और IT मंत्रालय अमेरिका में वैध रूप से काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स की स्थिति पर नजर रख रहा है। IT मंत्रालय ने अमेरिकी कंपनियों से पूछा है कि ग्राउंड पर इस वीजा को लेकर अब हालात कैसे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में पिछले कुछ दिनों से एच-1बी वीजा को लेकर बहस जारी है। अब भारतीय एच-1बी वीजा होल्डर के खिलाफ हो रहे विरोध को लेकर केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। सरकार अमेरिका में भारतीय एच-1बी वीजा धारकों के खिलाफ विदेश मंत्रालय, IT मंत्रालय और कॉमर्स डिपार्टमेंट अमेरिका में वैध रूप से काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स की स्थिति पर नजर रख रही है।
सरकार आईटी और प्रबंधन पेशेवरों की प्रोफाइलिंग पर कड़ी नजर रख रही है। आईटी मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्रालय और वाणिज्य विभाग (Department of Commerce) द्वारा भी घटनाक्रम पर सख्त नजर रखी जा रही है।
IT मंत्रालय के अमेरिकी कंपनी से सवाल
सरकार के एक सूत्र के मुताबिक, ऐसे स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, जहां हमारे भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में रहने में परेशानी हो, सरकार इस बारे में चिंतित है। IT मंत्रालय भी स्थिति को समझने के लिए बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों से फीडबैक ले रहा है। IT मंत्रालय ने अमेरिकी कंपनियों से पूछा है कि ग्राउंड पर इस वीजा को लेकर क्या हालात हैं।
सॉफ्टवेयर कंपनियों से फीडबैक ले रहा IT मंत्रालय
आईटी मंत्रालय जमीनी स्तर पर स्थिति को समझने के लिए बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ-साथ नैसकॉम जैसे इंडस्ट्री से फीडबैक ले रहा है। सूत्र ने बताया, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि उस संबंध में हमारी प्रतिस्पर्धी स्थिति प्रभावित न हो। निश्चित रूप से अन्य कारकों को कानूनी ढांचे के रास्ते में नहीं आना चाहिए, हम नहीं चाहते की भारत-अमेरिका के बीच कानूनी ढांचे में कोई बाहरी कारण की चलते दिक्कतें आएं। अमेरिका की ओर से भी यह नहीं होना चाहिए।'
सरकार इस बात पर भी नजर रख रही है कि डोनाल्ड ट्रम्प के व्हाइट हाउस लौटने के बाद अमेरिकी वीजा नीतियां, विशेष रूप से आईटी और तकनीक, प्रबंधन और अन्य योग्य पेशेवरों के लिए, कैसे विकसित होती हैं।
एच-1 बी वीजा पर क्या बोले एलन मस्क?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वीजा के विरोध में रहे हैं। उनके समर्थक उद्योगपति एलन मस्क ने एच-1 बी वीजा को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मस्क ने कहा था कि
- H1B वीजा खत्म जैसा है।
- अमेरिका में कुशल विदेशी श्रमिकों को लाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली टूट गई है
- इसमें बड़े सुधार की जरूरत है।
- ट्रम्प ने कई मौकों पर वीजा के समर्थन में भी बयान दिए हैं।
H-1B वीजा क्या है?
एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है। यह उच्च शिक्षित विदेशी प्रोफेशनल्स को 'विशेष व्यवसायों' में काम करने की इजाजत देता है। इन व्यवसायों के लिए कम से कम स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है। तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में इस वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं।
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