Trump Putin Meeting: पुतिन से वार्ता के बाद ट्रंप बोले, ‘बातचीत सार्थक रही, जल्द करेंगे नाटो और जेलेंस्की से संपर्क’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच भारतीय समयानुसार शनिवार रात एक बजे शुरू हुई वार्ता खत्म हो गई है। दोनों नेताओं के बीच बैठक करीब 2 घंटे 45 मिनट तक चली। ट्रंप अपने विमान एयरफोर्स वन से भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे अलास्का के एंकरेज शहर के नजदीक स्थित एलमेंडोर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे पर पहुंचे।
रॉयटर, वाशिंगटन। अमेरिका के एंकरेज शहर में स्थित एलमेंडोर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच भारतीय समयानुसार शनिवार रात एक बजे शुरू वार्ता खत्म हो गई है।
प्रेस क्रांफ्रेंस में क्या कुछ बोले ट्रंप और पुतिन
रूस और अमेरिका के बीच ढाई घंटे से ज्यादा बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस शुरू हो गई है। प्रेस वार्ता के दौरान व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत काफी अच्छी रही। पुतिन ने कहा कि बैठक में यूक्रेन में शांति पर बात हुई है। उन्होंने कहा कि रूस की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।
कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी- ट्रंप
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप बोले कि कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी। ट्रंप का कहना है कि पुतिन के साथ उनके "शानदार" रिश्ते रहे हैं, लेकिन "रूस संबंधी धोखाधड़ी" के कारण इसमें बाधा आई है।
अगर ट्रंप 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति होते तो संघर्ष नहीं होता: पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रंप 2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो यूक्रेन में संघर्ष शुरू नहीं होता। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि पुतिन यह बात बोली है, कई मौकों पर वह इस बात जिक्र कर चुके हैं। अलास्का में दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद, पुतिन ने ट्रंप को उनके सहयोग और "दोस्ताना बातचीत" के लिए धन्यवाद दिया।
पुतिन बोले- यूक्रेन जंग की वजह को खत्म करना जरूरी
पुतिन ने कहा कि उनकी बातचीत का मुख्य मुद्दा यूक्रेन में चल रही जंग थी। स्थायी और लंबे समय तक चलने वाला समझौता करने के लिए जंग की अहम वजहों को खत्म करना जरूरी है। हालांकि, उन्होंने साफ नहीं बताया कि वे किस वजहों की बात कर रहे हैं।
पुतिन बोले- रूस और अमेरिका पड़ोसी हैं
पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस भले ही महासागरों से अलग हैं, फिर भी बहुत करीब के पड़ोसी हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच की दूरी सिर्फ 4 किलोमीटर है, इसलिए वे सच में पड़ोसी हैं। पुतिन ने कहा कि आज सुबह उन्होंने हवाई अड्डे पर ट्रम्प से हाथ मिलाया, तो उन्होंने उनसे ‘नमस्ते पड़ोसी कहा।’
इसके बाद पुतिन ने अलास्का का इतिहास याद किया, जो 158 साल पहले रूस का हिस्सा था। उन्होंने अमेरिकी राज्य में अब भी मौजूद रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्चों का जिक्र करते हुए कहा कि यह साझा विरासत दोनों देशों के बीच बराबरी और आपसी फायदे वाले रिश्ते को फिर से मजबूत करने में मदद कर सकती है।
पुतिन बोले- टकराव छोड़ बातचीत करने का समय आया
पुतिन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों से अमेरिका और रूस के बीच कोई समिट नहीं हुआ है, और दोनों देशों के रिश्ते शीत युद्ध के बाद से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। लेकिन अब टकराव छोड़कर बातचीत की ओर बढ़ने का समय आ गया है।पुतिन ने यह भी कहा कि वह और ट्रम्प कई बार फोन पर खुलकर बात कर चुके हैं। इसके अलावा, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने भी इस दौरान बातचीत का सिलसिला जारी रखा है।
पुतिन ने अगली मीटिंग मॉस्को में करने का सुक्षाव दिया
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अगली मुलाकात के लिए मास्को का सुझाव दिया। उन्होंने यह बात अंग्रेजी में कही। ट्रम्प ने कहा कि यह फैसला लोगों को पसंद नहीं आएगा और कुछ आलोचना भी होगी, लेकिन उन्होंने पूरी तरह इसे नकारा नहीं। ट्रम्प ने कहा कि यह हो सकता है।
ट्रंप बोले- पुतिन के साथ हमेशा अच्छा रिश्ता रहा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि उनका पुतिन के साथ हमेशा से अच्छा संबंध रहा है, लेकिन 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की जांच के कारण इसमें रुकावट आई। ट्रंप ने बताया कि उनके बीच कई कठिन और कई अच्छे बैठकें हुईं। पुतिन से वार्ता के बाद ट्रंप बोले कि बातचीत सार्थक रही, जल्द ही वह नाटो और जेलेंस्की से संपर्क करेंगे।
ट्रंप बोले- जेलेंस्की को फोन कर जानकारी दूंगा
ट्रंप ने कहा कि अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत के बाद उन्हें कई फोन कॉल करने हैं। इनमें नाटो, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और बाकी नेता शामिल हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मैं कुछ कॉल शुरू करने वाला हूं और उन्हें बताऊंगा कि क्या हुआ।"
पुतिन बोले- यूरोपीय नेता शांति वार्ता में हस्तक्षेप न करें
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को शांति को लेकर हो रही बातचीत में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन और यूरोपीय देश इसे समझेंगे और कोई बाधा नहीं डालेंगे। वे इस प्रगति को रोकने के लिए पर्दे के पीछे साजिश की कोशिश नहीं करेंगे।"
ट्रंप के पूर्व सलाहकार बोले- पुतिन की जीत हुई
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक में पुतिन जीत गए। उन्होंने बताया कि ट्रंप को इस मीटिंग से कुछ ज्यादा हासिल नहीं हुआ।
बोल्टन ने कहा कि पुतिन ने संबंधों को फिर से स्थापित करने में काफी प्रगति की, जो उनका मकसद था। पुतिन ने अपने देश को प्रतिबंधों से बचा लिया और सीजफायर का सामना नहीं करना पड़ा।
उन्होंने यह भी बताया कि अगली बैठक तय नहीं है और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को इस बारे में पहले कुछ नहीं बताया गया था। कुल मिलाकर पुतिन ने वह सब हासिल कर लिया जो वह चाहते थे।
अलास्का में वार्ता का उद्देश्य यूक्रेन में शांति लाना
ट्रंप की मेजबानी में हो रही इस वार्ता का उद्देश्य यूक्रेन में युद्धविराम के लिए रूस को सहमत करना है। इससे पहले ट्रंप अपने विमान एयरफोर्स वन से भारतीय समयानुसार शुक्रवार रात 11.40 बजे अलास्का के एंकरेज शहर स्थित सैन्य अड्डे पर पहुंचे।
ट्रंप ने पुतिन को देखकर ताली बजाई
इसके करीब 50 मिनट बाद 12.30 बजे रूसी राष्ट्रपति पुतिन का विमान सैन्य अड्डे पर उतरा। हवाई पट्टी पर ही ट्रंप ने पुतिन का स्वागत किया। ट्रंप ने पुतिन को देखकर ताली बजाई और उसके बाद दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया।
इस दौरान दोनों नेताओं ने कुछ क्षण हंसते हुए आपस में बात की। इसके बाद ट्रंप और पुतिन काले रंग की कार में बैठकर साथ ही बैठक स्थल पहुंचे और रात एक बजे से दोनों नेताओं के बीच वार्ता का दौर शुरू हुआ।
वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के अतिरिक्त दो-दो सलाहकार भी भाग ले रहे हैं। इससे पहले ट्रंप ने कहा, चाहता हूं कि यूक्रेन में आज ही युद्ध रुक जाए और वहां पर लोगों का मरना बंद हो।
President Donald J. Trump and President Vladimir Putin in Anchorage, Alaska. 🇺🇸🇷🇺 pic.twitter.com/WwYL3DsXLa
— The White House (@WhiteHouse) August 15, 2025
यूक्रेन के राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया
जबकि रूसी उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि युद्धविराम को लेकर रूस की शर्तें स्पष्ट हैं, अब अमेरिकी राष्ट्रपति के वार्ता के प्रस्ताव को देखकर उसे स्वीकार करने या न करने पर निर्णय होगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन उन्होंने शांति समझौते के लिए अपनी जमीन रूस को न देने की शर्त रखी है।
साथ ही युद्धविराम के बाद अमेरिका और यूरोप से सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं। विदित हो कि यूक्रेन का करीब 20 प्रतिशत भूभाग इस समय रूस के कब्जे में है जिसे उसने न छोड़ने की बात कही है।
एयरफोर्स वन में रूस और यूक्रेन के भूमि की अदलाबदली पर एकमत न होने के विषय में ट्रंप से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं केवल यूक्रेन पर वार्ता के लिए नहीं जा रहा हूं बल्कि पुतिन के साथ कई मुद्दों पर बात करने के लिए जा रहा हूं।
ट्रंप ने पुतिन को स्मार्ट व्यक्ति बताया
वहां पर सकारात्मक चर्चा की कोशिश होगी। ट्रंप ने पुतिन को स्मार्ट व्यक्ति बताया। कहा, हम दोनों के बीच सम्मानजनक रिश्ता है। ट्रंप ने पुतिन के कारोबारियों को साथ लेकर अलास्का आने के कदम का स्वागत किया है। लेकिन यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध खत्म होने से पहले हम व्यापार नहीं कर सकते हैं।
रूस को गंभीर आर्थिक परिणाम झेलने होंगे- ट्रंप
ट्रंप ने दोहराया कि अलास्का समिट बेकार गई और युद्ध जारी रहा तो रूस को गंभीर आर्थिक परिणाम झेलने होंगे। विदित हो कि राष्ट्रपति के इस कार्यकाल में ट्रंप की पुतिन से यह पहली मुलाकात है। इससे पूर्व के कार्यकाल में वह 2018 में फिनलैंड में ट्रंप से मिले थे और दोनों में औपचारिक वार्ता हुई थी।
अलास्का में अमेरिकी और रूसी प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल हैं?
रूसी प्रतिनिधिमंडल
- विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
- रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव
- वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव
- किरिल दिमित्रिएव - रूस के विशेष आर्थिक दूत, ने 18 फरवरी को रियाद में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद से वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- यूरी उशाकोव - 2012 से पुतिन के विदेश नीति सलाहकार रहे
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल
- विदेश मंत्री मार्को रुबियो
- विशेष दूत स्टीव विटकॉफ - एक पूर्व वाणिज्यिक रियल एस्टेट व्यवसायी और ट्रम्प के गोल्फ पार्टनर, जो आधिकारिक तौर पर मध्य पूर्व में विशेष दूत के रूप में कार्य करते हैं।
- वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक
- सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ
- वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट
पहली बार अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रूसी नेता, भारी बंदोबस्त
प्रशांत महासागर और आर्कटिक महासागर के मिलाप वाले समुद्री हिस्से के किनारे पर स्थित अलास्का बर्फीला इलाका है और यह रूस की पश्चिमी सीमा से महज 88 किलोमीटर दूर है। इस समुद्री भाग में स्थित रूसी द्वीप बिग डायोमेड और अमेरिकी द्वीप लिटिल डायोमेड के बीच की दूरी तो महज 3.8 किलोमीटर है।
दोनों देशों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए
जाहिर है दोनों द्वीपों पर दोनों देशों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अमेरिका के सैन्य अड्डे में जा रहे पुतिन की सुरक्षा के लिए रूसी सेना और एजेंसियों ने अपने सबसे प्रभावी बंदोबस्त किए हैं। इन्हीं बंदोबस्त के तहत अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरेज के सारे होटल बुक कर लिए गए हैं।
वाहनों का आवागमन का मार्ग बदल दिया गया है और घरेलू विमानों की उड़ान का कार्यक्रम बदल दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी रूसी नेता का इस तरह अमेरिकी सैन्य अड्डे में जाने का यह पहला और ऐतिहासिक मौका है।
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