Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एस्टेरॉयड का टुकड़ा लेकर आज धरती पर आएगा पैराशूट, अमेरिका के उटाह में पहली बार आएगा किसी क्षुद्रग्रह का हिस्सा

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 24 Sep 2023 04:00 AM (IST)

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान ने करीब तीन वर्ष पूर्व एक एस्टेरायड (क्षुद्रग्रह) की सतह से चट्टान का एक टुकड़ा प्राप्त किया था। यह टुकड़ा रविवार (आज) को धरती पर लाया जाएगा। रोबोट के जरिये संचालित हो रहे अंतरिक्ष यान ओसीरिस-आरईएक्स से चट्टान का टुकड़ा वाला कैप्सूल पैराशूट के जरिये छोड़ा जाएगा। इस मौके पर नजदीक ही लाकहीड मार्टिन में कार्यरत प्रोग्राम मैनेजर सैंड्रा फ्रेयंड मौजूद रहेंगी ।

    Hero Image
    एस्टेरायड (क्षुद्रग्रह) की सतह से चट्टान का एक टुकड़ा आज धरती पर लाया जाएगा। फोटोः एपी।

    लास एंजिलिस, रायटर। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान ने करीब तीन वर्ष पूर्व एक एस्टेरायड (क्षुद्रग्रह) की सतह से चट्टान का एक टुकड़ा प्राप्त किया था। यह टुकड़ा रविवार (आज) को धरती पर लाया जाएगा। यह किसी एस्टेरायड का धरती पर लाया जाने वाला पहला टुकड़ा होगा। इसे पैराशूट के जरिये एक कैप्सूल में अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में धरती पर लाया जाएगा। इस पैराशूट लैंडिंग से पहले मौसम को उसके अनुकूल पाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10.55 बजे धरती पर आएगा एस्टेरायड का टुकड़ा

    रोबोट के जरिये संचालित हो रहे अंतरिक्ष यान ओसीरिस-आरईएक्स से चट्टान का टुकड़ा वाला कैप्सूल पैराशूट के जरिये छोड़ा जाएगा। नासा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह पैराशूट अमेरिकी सेना के विशाल उटाह परीक्षण एवं प्रशिक्षण स्थल की धरती पर आएगा। यह स्थानीय समय के अनुसार दिन में 10.55 बजे धरती पर आएगा।

    मौके पर मौजूद रहेंगी सैंड्रा फ्रेयंड

    इस मौके पर नजदीक ही लाकहीड मार्टिन में कार्यरत प्रोग्राम मैनेजर सैंड्रा फ्रेयंड मौजूद रहेंगी। सैंड्रा ने ही अंतरिक्ष यान को डिजाइन किया है और उसे बनाया है। ओसीरिस-आरईएक्स मिशन पर नासा और एरिजोना यूनीवर्सिटी के विज्ञानियों ने मिलकर कार्य किया है। यह अंतरिक्ष में प्राप्त किया गया तीसरा एस्टेरायड सैंपल है लेकिन इसे पहली बार धरती पर लाया जा रहा है। अब इस सैंपल का धरती पर परीक्षण किया जाएगा।

    यह भी पढ़ेंः NASA: पृथ्वी से 8.6 गुना बड़े ग्रह पर मिला जीवन? नासा के दावे से दुनिया भर के साइंटिस्ट हुए हैरान

    वैसे इस तरह के मिशन पर जापान की स्पेस एजेंसी बीते 13 वर्षों से जुटी हुई है लेकिन उसे अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है।

    यह भी पढ़ेंः पृथ्वी के सबसे बड़े दुश्मन हैं एस्टेरॉयड, इस एक वजह से हो सकते हैं फायदेमंद