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    NASA: पृथ्वी से 8.6 गुना बड़े ग्रह पर मिला जीवन? नासा के दावे से दुनिया भर के साइंटिस्ट हुए हैरान

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Wed, 13 Sep 2023 03:13 AM (IST)

    नासा के मुताबिक पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल एक्सोप्लैनेट पर एक दुर्लभ जल महासागर (Water Ocean) का पता चला है। यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 8.6 गुना बड़ा है। यहां मीथेन और कार्बन डाइ ऑक्साइड समेत कई अणुओं का पता चला है। यह खुलासा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए K2-18 b में एक जांच के बाद हुआ है।

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    NASA ने K2-18 b में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड की खोज की (फोटो- नासा)

    वाशिंगटन, जागरण डिजिटल डेस्क। नासा (Nasa) ने पृथ्वी (Earth) के अलावा एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है, जहां जीवन होने के अस्थायी सबूत मिले हैं। नासा के डेटा से पता चला है कि इस ग्रह पर पानी से ढकी सतह हो सकती है।

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    नासा ने क्या कहा?

    नासा के मुताबिक, पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल एक्सोप्लैनेट पर एक दुर्लभ जल महासागर (Water Ocean) का पता चला है। यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 8.6 गुना बड़ा है। यहां मीथेन और कार्बन डाइ ऑक्साइड समेत कई अणुओं का पता चला है। यह खुलासा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के जरिए K2-18b में एक जांच के बाद हुआ है।

    बताया जाता है कि K2-18b में एक हाइसीन एक्सोप्लैनेट (Hycean exoplanet) हो सकता है, जहां हाइड्रोजन और समुद्र से ढकी सतह होने की संभावना है।

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    Leo तारामंडल में है K2-18 b

    बता दें, पृथ्वी से करीब 120 प्रकाश वर्ष दूर Leo तारामंडल में K2-18 नामक बौना तारा (Dwarf Star) स्थित है। इसी में K2-18 b मौजूद है। यह एक्सोप्लैनेट सौरमंडल का हिस्सा नहीं है। ये पृथ्वी और नेपच्यून के बीच स्थित हैं।

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    नासा के मुताबिक, K2-18 b में मीथेन और कार्बन डाइ ऑक्साइड प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं, जबकि अमोनिया की कमी है। इससे इस परिकल्पना को बल मिलता है कि यहां हाइड्रोजन समृद्ध वातावरण के नीचे एक जल महासागर मौजूद हो सकता है। इससे अब डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) अणु का पता लगाने में भी आसानी होगी।

    किसी भी ग्रह में जीवन के लिए DMS जरूरी होता है। पृथ्वी के वायुमंडल में डाइमिथाइल सल्फाइड अणु का बड़ा हिस्सा समुद्री वातावरण में फाइटोप्लांकटन से उत्सर्जित होता है।

    2015 में खोजा गया K2-18 b

    बता दें, एक्सोप्लैनेट K2-18 b को नासा के K2 मिशन के हिस्से के रूप में 2015 में खोजा गया था। हाल के कुछ समय से वैज्ञानिक इस पर गहन अध्ययन कर रहे हैं। K2-18 b सौरमंडल के बाहर एक तारे की परिक्रमा करता है।