'आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश', UN का मंच और 4 सेकेंड में किसने कर दी पाकिस्तान की बोलती बंद
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब यूएन वॉच के प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया। कतर को आतंकवाद समर्थक कहने पर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने उन्हें टोका जिसके बाद प्रतिनिधि ने पाकिस्तान को भी आतंकवाद प्रायोजक बताया। इससे पहले 2020 में भी फ्रांस की घटना पर पाकिस्तान के ट्वीट के जवाब में यूएन वॉच ने उसे फटकार लगाई थी।

जागरण न्यूज नेटरवर्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को एक बार फिर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। कतर को आतंकवाद समर्थक देश बता रहे यूएन वॉच प्रतिनिधि को टोकना पाकिस्तानी प्रतिनिधि को भारी पड़ गया।
यूएन वॉच प्रतिनिधि को केवल चार सेकेंड में अपनी बात खत्म करनी थी और उन्होंने बस इतना कहा कि अध्यक्ष महोदय, पाकिस्तान भी आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हमास नेताओं को निशाना बनाते हुए कतर पर इजरायली हमले पर संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी। मानवाधिकार वकील और यूएन वाच के कार्यकारी निदेशक हिलेल नोएर अपनी बात रख रहे थे।
नोएर ने क्या लगाया आरोप?
नोएर ने आरोप लगाया कि कतर में आतंकवादियों को सरकार पनाह दे रही है। कतर में हमास का राजनीतिक कार्यालय भी है, जिसे अमेरिका ने 2012 में आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। नोएर ने इजरायल की निंदा करने पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को भी जमकर सुनाया। उन्होंने याद दिलाया कि जब अमेरिका ने पाकिस्तान में 2011 में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को निशाना बनाया था, तब उन्होंने इसकी तारीफ की थी और कहा था- अब न्याय हुआ।
पाकिस्तान का जिक्र आने पर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने नोएर को पाकिस्तान और लादेन का जिक्र करने के लिए बीच में टोका। प्रतिनिधि ने कहा कि यूएनएचआरसी अध्यक्ष ये सुनिश्चित करें कि कोई भी वक्ता यूएन चार्टर और संप्रभु सदस्य देश की क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत का उल्लंघन न करे। हम पाकिस्तान पर लगाए आरोपों को खारिज करते हैं। लेकिन नोएर की आखिरी बात सुनकर वह शर्मसार हो गए।
2020 में भी ऐसा हुआ था
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की बेइज्जती पहली बार नहीं हुई, बल्कि होती रहती है। साल 2020 में फ्रांस में एक इस्लामी आतंकवादी ने एक फ्रेंच शिक्षक का सिर धड़ से अलग कर दिया था। इस पर प्रतिक्रिया में पाकिस्तान सरकार ने ट्वीट किया था- अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ईश निंदा बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। इसके जवाब में जेनेवा में यूएन वाच संस्था ने लिखा - संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आपकी मौजूदगी बर्दाश्त करने लायक है।
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