'आतंक के प्रायोजक से नहीं चाहिए सबक', UN में भारत ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए फटकार लगाई। काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को झूठ फैलाने और वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलवामा और मुंबई जैसे हमलों का उल्लेख किया। इसके अतिरिक्त भारत ने स्विट्जरलैंड को अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर फटकार लगाई।

पीटीआई, जेनेवा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि उसे आतंकवाद के उस प्रायोजक से सबक लेने की जरूरत नहीं है जो वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले नेटवर्क को वित्तपोषित और पनाह देता है।
जेनेवा स्थित भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने मंगलवार को कहा, "हमें एक बार फिर उस देश के उकसावे का सामना करना पड़ा जिसके नेतृत्व ने हाल ही में अपने देश को डंप ट्रक बताया था। यह देश इस प्रतिष्ठित परिषद में लगातार झूठ और दुष्प्रचार पेश कर रहा है।"
त्यागी ने मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में एक बहस के दौरान भारत के संदर्भ में पाकिस्तान की टिप्पणी पर यह जवाब दिया। पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए त्यागी ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जहां पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को 26 पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य अभियान में मारे गए अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, '9/11 को मत भूलिए, जिसकी बरसी दुनिया कल मनाएगी। आज हम उन लोगों का पाखंड देख रहे हैं जिन्होंने इस आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड को पनाह दी और उसे शहीद के रूप में महिमामंडित किया।'
उन्होंने कहा, 'पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई.. यह एक अंतहीन सूची है।' स्विट्जरलैंड को अपनी चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिएभारत ने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाने के लिए स्विट्जरलैंड को करारा जवाब दिया है।
भारत ने कहा कि स्विट्जरलैंड जैसे घनिष्ठ मित्र और साझेदार की ओर से इस तरह की सतही और गलत टिप्पणियां आश्चर्यजनक हैं। उसे नस्लवाद, भेदभाव और दूसरे देशों के लोगों के प्रति घृणा जैसी अपनी चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।
भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र के दौरान यह जवाब दिया।
परिषद में स्विस प्रतिनिधि ने कहा था कि उनका देश भारत सरकार से अल्पसंख्यकों की रक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करता है।
त्यागी ने कहा कि चूंकि स्विट्जरलैंड संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि वह परिषद का समय ऐसे बयानों पर बर्बाद न करे जो स्पष्ट रूप से झूठे हैं और भारत की वास्तविकता के साथ न्याय नहीं करते हैं।
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