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    चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा Artemis-1 का स्पेसक्राफ्ट ओरियन कैप्सूल , कक्षा में बिताएगा एक हफ्ता

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 08:48 PM (IST)

    नासा की आर्टिमिस मून मिशन चांद के बहुत करीब पहुंचने वाला है। ओरियन कैप्सूल चांद की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इस स्पेशक्राफ्ट को 16 नवंबर को नासा के स्पेस लॅान्च सिस्टम से लॅान्च किया गया था।

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    नासा का स्पेस लॉन्च सिस्टम ओरियन कैप्सूल की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: नासा)

    केप कनवेरल, एजेंसी। नासा ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया। सोमवार शाम को नासा का स्पेस लॉन्च सिस्टम ओरियन कैप्सूल  (Orion Capsule) चंद्रमा पर पहुंच गया है। यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की सतह से सबसे नजदीक, यानी 130 किलोमीटर ऊपर पहुंचेगा। यह नासा का पहला आर्टेमिस मून मिशन है।आपको बता दें कि ओरियन इस वक्त पृथ्वी से करीब 370000 किलोमीटर और चांद से करीब 500 किलोमीटर दूर है। यह 1747.7 किमी/घंटे की रफ्तार से चांद की तरफ बढ़ रहा है।

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    16 नवंबर को किया गया था लॅान्च

    इस स्पेसक्राफ्ट को बुधवार यानी, 16 नवंबर को नासा के स्पेस लॅान्च सिस्टम से लॅान्च किया गया था। गौरतलब है कि आधे घंटे के संचार ब्लैकआउट के कारण, ह्यूस्टन में उड़ान नियंत्रकों को यह नहीं पता था कि कि इंजन फायरिंग तब तक ठीक रही, जब तक कि कैप्सूल चंद्रमा के पीछे से सामने नहीं आ गया।

    50 साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है जब एक कैप्सूल ने चंद्रमा का दौरा किया है। उड़ान निदेशक जेब स्कोविल ने संपर्क फिर से शुरू करने की प्रतीक्षा करते हुए कहा, 'यह उन दिनों में से एक है जिसके बारे में आप लंबे समय से सोच रहे हैं और इसके बारे में बात कर रहे हैं।' बता दें कि जैसे ही कैप्सूल चंद्रमा के पीछे से निकला, ऑनबोर्ड कैमरों ने पृथ्वी की एक तस्वीर वापस भेजी।

    (फोटो सोर्स: एपी)

    कैप्सूल को प्रसांत महासागर में गिराने की है योजना

    धरती पर वापस आने से पहले कैप्सूल चंद्र की कक्षा में करीब एक सप्ताह बिताएगा। 11 दिसंबर को प्रशांत महासागर में गिरने की योजना बनाई गई है। गौरतलब है कि ओरियन का कोई चंद्र लैंडर नहीं है, इसलिए यह चंद्रमा को छू नहीं सकता है।  इस मिशन के सफल होने पर नासा, साल 2024 में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद के आसपास भेजने के मिशन को अंजाम देगा। इसके बाद नासा साल 2025 में एक यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारने का प्रयास करेगा।

    मिशन की प्रगति से नासा के प्रबंधक खुश थे। स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट ने अपनी शुरुआत में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, उन्होंने पिछले हफ्ते देर से संवाददाताओं से कहा। हालांकि, 322 फुट (98 मीटर) के रॉकेट ने कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च पैड पर उम्मीद से ज्यादा नुकसान पहुंचाया। 8.8 मिलियन पाउंड (4 मिलियन किग्रा) के लिफ्टऑफ थ्रस्ट का बल इतना अधिक था कि इसने लिफ्ट के दरवाजों को तोड़ दिया।

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