Artemis 1: 2025 में फिर चांद सतह पर उतरने की है नासा की योजना, जानें- इससे जुड़ी क्या है प्लानिंग
Artemis 1 नासा भविष्य में चांद पर भेजे जाने वाले मानव मिशन के लिए अब काफी हद तक तैयार है। आर्टिमिस 3 के जरिए वो अपने क्रू को चांद की सतह पर उतारेगा। हालांकि इससे पहले कुछ मिशन और भी होने हैं।

नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। Artemis 1 Orion Capsule का लान्च होकर अपने तय रास्ते की तरफ बढ़ना भविष्य की नई उम्मीदों को बल दे रहा है। शुरुआत मे नासा के इस मिशन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही थी। नासा के लिए भी इस मिशन को सफलतापूर्वक लान्च करना बेहद जरूरी हो गया था। इसको चीन समेत दूसरे देशों के अंतरिक्ष कार्यक्रम से उसकी प्रतियोगिता के रूप में भी देखा जा सकता है।
तीसरी बार में लान्च हुआ आर्टिमिस 1 मिशन
नासा ने इस मिशन को तीसरी बार में लान्च किया है। इससे पहले दो इसमें आई तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसके लान्च को ऐन मौके पर टाल दिया गया था। इस बीच फ्लोरिडा में आया हरीकेन भी इसके लान्च में एक समस्या बन गया था। इस वजह से स्पेस लान्च सिस्टम को दोबारा असेंबिली बिल्डिंग कें शिफ्ट कर दिया गया था। वहां पर वैज्ञानिकों ने इसकी लान्च से जुड़ी हर परेशानी को दूर किया। इसके बावजूद तीसरी बार में भी वैज्ञानिकों को इसमें आई तकनीकी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा था।
लान्च से पहले भी आई दिक्कत
Artemis 1 Orion Capsule के लान्च से करीब 4 घंटे पहले इसमें कई तरह की दिक्कत सामने आई थीं। ये दिक्कत पहले की ही तरह फ्यूल वाल्व में लीकेज से जुड़ी थीं। वैज्ञानिकों ने इस समस्या को लान्च पैड पर ही दूर किया और अपनी हरी झंडी दी थी। इसके बाद रात करीब 1:47 बजे नासा के कैनेडी स्पेस स्टेशन से इस यान ने सफल उड़ान भरी।
चांद की तरफ सफर बरकरार
लान्च के करीब 90 मिनट बाद आर्टिमिस 1 आरियन कैपसूल को लेकर सफलतापूर्वक यान से अलग होकर धरती की कक्षा से बाहर चला गया। अब ये लगातार चांद की तरफ बढ़ रहा है। बता दें कि नासा के इस मिशन से अपोलो मिशन का इतिहास एक बार फिर से दोहराने की कवायद की जा रही है।
25 दिनों का है पूरा अभियान
नासा का आर्टिमिस 1 मिशन करीब 25 दिनों का है। इस मिशन में नासा ओरियन स्पेसक्राफ्ट की भी टेस्टिंग कर रहा है, जो भविष्य में चांद पर भेजे जाने वाले मानव मिशन में काम आने वाला है। अपने इस सफर में Orion Capsule चांद के बेहद करीब उसके आर्बिट में पहुंचेगा और वहां की जानकारी जुटाएगा। करीब 64 हजार किमी के सफर के बाद ये कैपसूल धरती की तरफ वापसी का सफर शुरू करेगा। 11 दिसंबर को Orion Capsule अपना मिशन पूरा कर धरती पर आ जाएगा। इसमें डमी क्रू मैंबर्स हैं। इसके अलावा रेडिएशन लेवल को नापने के लिए सैंसर लगे हैं।
चांद के आर्बिट में जाएगा क्रू
वर्ष 2024 में नासा आर्टिमिस 2 मिशन को लान्च करेगा। नासा का चांद पर ये मानव मिशन होगा। इसमें तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा। इनके नाम का चयन किया जा चुका है और इनका ट्रेनिंग प्रोग्राम भी जारी है। हालांकि ये क्रू चांद पर उतरेगा नहीं लेकिन उसके आर्बिट में रहकर वहां की जानकारी जुटाने का काम करेगा।
चांद की सतह पर उतरने की तैयारी
वर्ष 2025 में नासा आर्टिमिस 3 मिशन को भेजेगा। नासा की योजना इस मिशन पर भेजे गए क्रू को अपोलो मिशन के बाद दोबारा चांद की सतह पर उतारने की है। नासा के इस मिशन तक पहुंचने के लिए पहले दोनों ही मिशन का सफल होना भी बेहद जरूरी है।
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