Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नहीं छोड़ा परमाणु हथियारों का मोह तो बर्बाद हो जाएगा उत्तर कोरिया, कोई और विकल्‍प नहीं

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 04 Mar 2019 09:15 AM (IST)

    यदि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का मोह नहीं छोड़ता है तो वह आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएगा। परमाणु हथियारों को खत्‍म करने के अलावा उसके पास और दूसरा कोई विकल्‍प नहीं है।

    नहीं छोड़ा परमाणु हथियारों का मोह तो बर्बाद हो जाएगा उत्तर कोरिया, कोई और विकल्‍प नहीं

    वाशिंगटन। हनोई में हुई किम-ट्रंप की शिखर वार्ता के बाद अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यदि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का मोह नहीं छोड़ता है तो वह आर्थिक रूप से पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। परमाणु हथियारों को खत्‍म करने के अलावा उसके पास और दूसरा कोई विकल्‍प नहीं है। आपको बता दें कि हनोई शिखर वार्ता बिना किसी नतीजे के खत्‍म हो गई थी। इस वार्ता में किम चाहते थे कि अमेरिका उनके देश पर लगे सभी प्रतिबंधों को वापस ले ले, लेकिन अमेरिका इसके लिए तैयार नहीं था। लिहाजा अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप वार्ता को आगे जारी करने से पहले ही इसको छोड़कर वापस आ गए। हालांकि इतना सबकुछ होने के बाद भी ट्रंप ने किम की जमकर तारीफ की और वार्ता को काफी अच्‍छा बताया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपको यहां पर बता दें कि पिछले वर्ष दोनों नेताओं के बीच हुई सिंगापुर वार्ता के बाद यह दूसरा मौका था जब यह दोनों नेता बातचीत की टेबल पर साथ दिखाई दिए थे। पूरी दुनिया की निगाह इन दोनों नेताओं पर लगी थीं। माना जा रहा था कि इस बात शिखरवार्ता किसी अहम समझौते के साथ खत्‍म होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन ट्रंप ने बड़ा दिल रखते हुए उत्तर कोरिया की वह बात जरूर मान ली जिसको लेकर किम काफी समय से परेशान थे। दरअसल, उत्तर कोरिया के साथ संबंध बेहतर करने के लिए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ हर वर्ष होने वाले सैन्य अभ्यास को न करने का फैसला ले लिया है। यह अभ्‍यास हर वर्ष वसंत में किया जाता था। हर वर्ष इस अभ्‍यास में दोनों देशों के लाखों सैनिक हिस्‍सा लेते हैं।

    यह किम के लिए बेहद अच्‍छी खबर है। किम बार-बार इस सैन्‍य अभ्‍यास को अपने खिलाफ हमले की तैयारी की संज्ञा देते आए हैं। पिछले वर्ष भी सिंगापुर वार्ता के बाद किम ने कठोर शब्‍दों में कहा था कि यदि इस तरह के सैन्‍य अभ्‍यास बंद नहीं किए गए तो वह भी परमाणु हथियारों के विकल्‍प को बंद नहीं करेंगे। जहां तक हनोई शिखर वार्ता की बात है तो भले ही यह किसी समझौते पर नहीं पहुंच सकी, लेकिन दोनों नेताओं ने वार्ता जारी रखने पर सहमति जताकर यह साफ कर दिया कि शांति के रास्‍ते बंद नहीं हुए हैं। पिछले साल सिंगापुर में हुई शिखर वार्ता के बाद से ही अमेरिका और सियोल ने कई संयुक्त सैन्य अभ्यास के स्तर को कम किया है या उन्‍हें बंद किया है। अमेरिकी बमवर्षक भी अब दक्षिण कोरिया पर उड़ान नहीं भर रहे हैं। आपको यहां पर बता दें कि दक्षिण कोरिया में अमेरिका के करीब 28,500 अमेरिकी सैनिकों तैनात है, जिन्‍हें वापस बुलाने से ट्रंप ने इनकार कर दिया है। ये सैनिक उसके परमाणु सम्पन्न पड़ोसी देश से बचाने के लिए वहां तैनात किया गया है। इसके अलावा अमेरिका की थाड़ मिसाइल सिस्‍टम भी उत्तर कोरिया में तैयार है। इसको लेकर चीन और अमेरिका आपत्ति जता चुके हैं।

    चीन तेजी से बढ़ा रहा है अपनी नौसेना की ताकत, कहीं पिछड़ न जाए भारत
    भारतीय समझकर अपने ही पायलट को पाकिस्‍तान में लोगों ने दिया मार, जानें क्‍या है मामला

    comedy show banner
    comedy show banner