दिग्गज टेक कंपनियों में गैर-अमेरिकियों को मिली नौकरी, तो सोशल मीडिया पर आई नस्लीय टिप्पणियों की बाढ़; VIDEO
अमेरिकी विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट्स को टॉप टेक नौकरियां मिलने पर नस्लवादी टिप्पणियां की गई। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे दिग्गज टेक कंपनियों में प्लेसमेंट के बारे में बता रहे हैं। वीडियो में छात्रों से उनकी भविष्य की योजनाओं को लेकर पूछा गया जिसमें छात्र अपनी उपलब्धियों पर खुशी जता रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी विश्वविद्यालय के स्नातकों द्वारा शीर्ष तकनीकी नौकरियां प्राप्त करने के वीडियो में नस्लवादी टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है। वीडियो में छात्रों को दिखाया गया है, जिनमें से कई दक्षिण एशियाई मूल के प्रतीत होते हैं, जो अपनी नौकरी की पेशकश की घोषणा कर रहे हैं।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमं में दिग्गज टेक कंपनियों में प्लेसमेंट के बारे में बता रहे हैं।
दिग्गज टेक कंपनियों में एशियाई छात्रों का जलवा
NYU टंडन ने ग्रेजुएट किए हुए छात्र-छात्राओं का एक वाडियो शेयर किया है जिसमें वे बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों में नौकरी मिलने पर खुशी का इजहार कर रहे हैं। वीडियो में छात्रों से उनकी भविष्य की योजनाओं को लेकर पूछा गया जिसमें छात्र अपने भविष्य के बारे में बता रहे हैं और अपनी उपलब्धियों पर खुशी जता रहे हैं।
वीडियो @nyutandon द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किए जाने के बाद कमेंच बॉक्स में नफरत भरी टिप्पणियों की बाढ़ गई, जिनमें छात्रों की कथित भारतीय या चीनी पृष्ठभूमि को निशाना बनाया गया।
छात्रों ने बताई अपनी उपलब्धियां
वीडियो में, एक लड़की ने बताया कि उसे गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिल गई है, वही दूसरे छात्र ने कहा कि उसे सिएटल में अमेजन में नौकरी मिली है। यूजर्स के बीच छात्रों के रूप-रंग और लहजे के आधार पर उनके दक्षिण एशियाई मूल का उल्लेख किया, जिससे बहस छिड़ गई।
कमेंट बॉक्स में आई नफरती बयानों की बाढ़
वीडियो के आने के बाद इंस्टाग्राम पर नफरती बयानबाजी की कमेंट बॉक्स में बाढ़ सी देखने को मिली। जिसमें यूजर्स ने छात्रों के लहजे, नाम और जातीयता का मजाक उड़ाया। कुछ लोगों ने नाराजगी जताते हुए दावा किया कि विदेशी लोग अमेरिकी नागरिकों से ऊंची तनख्वाह वाली चेक जॉब्स चुरा रहे हैं।
एक यूजर ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि वे सभी एशियाई हैं और उन्हें अमेरिका में पढ़ाई के लिए अमेरिका द्वारा स्कॉलशिप मिली है, लेकिन अमेरिकी छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल सकती, वो भी तब, जब उनके माता-पिता ही टैक्स दे रहे हों। मुझे यह बात समझ नहीं आती।
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