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पृथ्वी से तीन गुना बड़े इस नए ग्रह पर मिले जिंदगी के संकेत, ‘बौने’ तारे का लगा रहा चक्कर

रहस्यमय ब्रह्मांड- पानी के कारण घना है इस ग्रह का वायुमंडल, हो सकती है जीवन की संभावना। पृथ्वी से 53 प्रकाश वर्ष दूर रेटीकुलम तारामंडल के बौने तारे का लगा रहा चक्कर।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 05:27 PM (IST)
पृथ्वी से तीन गुना बड़े इस नए ग्रह पर मिले जिंदगी के संकेत, ‘बौने’ तारे का लगा रहा चक्कर
पृथ्वी से तीन गुना बड़े इस नए ग्रह पर मिले जिंदगी के संकेत, ‘बौने’ तारे का लगा रहा चक्कर

न्यूयॉर्क टाइम्स [डेनिस ओवरबाय]। हमारा ब्रह्मांड अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है। वैज्ञानिक लगातार प्रयोग व अध्ययन कर इसके रहस्यों पर से पर्दे उठाने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में उन्हें एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, सौर मंडल के बाहर ग्रहों की खोज के लिए शुरू किए गए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अभियान के तहत एक नए ग्रह की खोज की गई है।

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यह नया ग्रह पृथ्वी से 53 प्रकाश वर्ष दूर रेटीकुलम तारामंडल के सूर्य के समान चमकीले ड्वार्फ (बौने) तारे का चक्कर लगा रहा है। तारे से नजदीक होने के बाद भी इस एचडी 21749बी ग्रह की सतह का तापमान 300 डिग्री फारेनहाइट ही है, जो वैज्ञानिकों के लिए हैरानी और खोज का विषय है।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की डायना ड्रैगोमिर का कहना है कि एचडी 21749बी इतने गर्म तारे की परिक्रमा करने वाला अब तक का सबसे ठंडा ग्रह है। पृथ्वी से तीन गुना बड़ा और 23 गुना भारी ग्रह को सब-नेपच्यून वर्ग में रखा गया है। इसका ज्यादातर हिस्सा गैसीय है और इसका वायुमंडल नेपच्यून और यूरेनस से घना है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी के कारण इसका वायुमंडल घना है और इस पर जीवन की संभावना भी हो सकती है।

टीईएसएस की तीसरी सफलता है यह ग्रह
नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सेटेलाइट (टीईएसएस) द्वारा खोजा गया यह तीसरा ग्रह है। नासा ने इसे पिछले साल अप्रैल में लांच किया था। अगस्त में इसने पहली तस्वीर भेजी थी। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दो साल के अभियान के दौरान यह करीब 20 हजार बाहरी ग्रहों की खोज करेगा। इसके लांच होने से पहले केवल 3,800 एक्सोप्लैनेट का पता चल पाया था।

एक और ग्रह की हो सकती है खोज
वैज्ञानिकों को एचडी 21749 तारे की परिक्रमा कर रहे एक और संभावित ग्रह के संकेत मिले हैं। इसका आकार पृथ्वी के बराबर या उससे छोटा बताया जा रहा है। यह केवल 7.8 दिन में तारे की परिक्रमा पूरी कर लेता है। इस ग्रह की पुष्टि होने पर यह टीईएसएस द्वारा खोजा गया सबसे छोटा ग्रह बन जाएगा।

36 दिनों में तारे की परिक्रमा पूरी करता है नया ग्रह
वैज्ञानिकों ने डाटा के आधार पर इस खास ग्रह का विस्तृत अध्ययन किया है। इस आधार पर उन्होंने इसकी कई विशेषताओं का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, एचडी 21749बी को अपने तारे की परिक्रमा पूरी करने में 36 दिन लगते हैं। टीईएसएस द्वारा पहले खोजे गए ग्रह पाई मेनसेइ बी और एलएचएस 3844बी को अपने तारों की परिक्रमा में क्रमश: 6.3 दिन और 11 दिन लगते हैं।

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