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प्रदूषण को दोगुनी रफ्तार से मिटाता है यह नन्हा उस्ताद, एलईडी रोशनी भी है पर्याप्त

ये पौधा सूरज की जगह कमरे में लगी एलईडी लाइट की रोशनी से भी काम चला लेता है। इसके कुछ गमले कमरे को प्रदूषण रखने के लिए पर्याप्त हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 04:30 PM (IST)
प्रदूषण को दोगुनी रफ्तार से मिटाता है यह नन्हा उस्ताद, एलईडी रोशनी भी है पर्याप्त
प्रदूषण को दोगुनी रफ्तार से मिटाता है यह नन्हा उस्ताद, एलईडी रोशनी भी है पर्याप्त

बरेली [दीपेंद्र प्रताप सिंह]। एक तरफ पूरी दुनिया पर्यावरण प्रदूषण से जूझ रही है, दूसरी तरफ इससे बचने के उपाय भी हमारे आसपास ही प्रकृति में मौजूद हैं। पर्यावरणविदों ने अब एक ऐसे पौधे को खोजा है जो अन्य पेड़-पौधों की तुलना में प्रदूषण पर दोगुना वार करता है। इसकी खासियत ये है कि ये अन्य पेड़-पौधों की तुलना में बहुत छोड़ा और बेहद खूबसूरत है। इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि ये पौधा मनुष्य के लिए कहीं अधिक भरोसेमंद पर्यावरण मित्र साबित हो सकता है।

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प्रदूषण का दोगुना खात्मा करने वाले इस पौधे को मॉस प्लांट कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ये पौधा वातावरण में मौजूद पॉर्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) के कणों और कार्बन कणों को भी लगभग दोगुनी रफ्तार से अवशोषित करता है। ये पौधा इतना छोटा होता है कि इसे गमले में लगाकर कमरे के अंदर भी रखा जा सकता है।

एक कमरे के लिए चार ही पौधे हैं पर्याप्त
कमरे में इस पौधे के बस चार गमले रखकर निश्चिंत हो जाया जा सकता है। प्रदूषक तत्वों को यह नन्हा फाइटर चुन-चुन कर खत्म कर देगा। एक रिसर्च के दौरान कमरे में चार पौधे रखे जाने के कुछ ही देर बाद कमरे में मौजूद प्रदूषक तत्वों में 15 फीसद तक कमी दर्ज की गई है।

ये केवल सजावट के लिए नहीं है
यह घासनुमा पौधा दिखने में बेहद छोटा मगर बेशुमार खूबियों के साथ बड़ा काम करने में सक्षम है। दरअसल, मॉस प्लांट अन्य पौधों जैसे स्नेक प्लांट, मनी प्लांट या अन्य सजावटी पौधों की तरह केवल सजावट की वस्तु कतई नहीं है। इसलिए इसे घर में रखने से अंदर के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में बहुत मदद मिलती है।

मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
पर्यावरणविद् और बरेली कॉलेज से रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. डीके सक्सेना ने मॉस प्लांट पर रिसर्च कर इसकी और भी कई खूबियों को जाना है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण अवशोषित करने वाले अन्य पौधों की तुलना में इसकी खूबियां कहीं अधिक हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया है कि अधिकांश पौधे दिन में प्रदूषण के कण अवशोषित करते हैं, जबकि मॉस प्लांट की खूबी इसका रात में भी एक्टिव होना है।

एलईडी की रोशनी से भी काम कर लेता है
यह पौधा सूरज की रोशनी पर ही निर्भर नहीं रहता है। एलईडी की हल्की रोशनी में भी मॉस प्लांट अपना काम करता है। मनी प्लांट या प्रदूषण सोखने वाले अन्य पौधों की तुलना में मॉस प्लांट का रखरखाव बेहद आसान है। इसे अन्य पौधों की तुलना में काफी कम पानी की जरूरत होती है। यहां तक कि कुछ दिन पानी न मिले तो भी मॉस प्लांट पर खास असर नहीं पड़ता। इस पौधे पर फंगस या बैक्टीरिया भी जल्द अटैक नहीं करता।

ये हैं पौधे की खूबियां
1. वातावरण में मौजूद पॉर्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) के कणों को अन्य की तुलना में दोगुनी रफ्तार से अवशोषित करता है।
2. कार्बन सहित अन्य प्रदूषक तत्वों को भी लगभग साफ कर देता है।
3. छोटा इतना कि आसानी से गमले में रखा जा सकता है।
4. सुंदर इतना कि कमरे के अंदर सजा कर भी रखा जा सकता है।
5. सूरज की रोशनी पर ही निर्भर नहीं।
6. रात में भी प्रदूषण को कम करने का काम जारी रखता है।
7. पानी की जरूरत अन्य पौधों की तुलना में काफी कम।
8. फंगस या बैक्टीरिया भी जल्द अटैक नहीं करता।
9. लॉन या पार्क में फैलने पर अपनी नमी से प्रदूषित कणों को ऊपर नहीं उठने देता।

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