'आखिर एक आतंकवादी को पनाह क्यों दी गई', UN में इजरायल ने पाकिस्तान को लगाई फटकार
इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाने के लिए फटकार लगाई। इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि पाकिस्तान इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण दी गई और उसे वहीं मारा गया। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया और दोहरे मानदंडों के मुद्दे पर सवाल उठाए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवाद के मुद्दे पर 'दोहरा मापदंड' अपनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाते हुए इजरायल ने कहा कि वह इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शरण दी गई और पाकिस्तान की धरती पर ही उसे मारा गया।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत डैनी डैनन ने कहा, ''जब ओसामा को पाकिस्तान में मारा गया था तो किसी ने भी यह सवाल नहीं पूछा था कि 'विदेशी धरती पर एक आतंकवादी को क्यों निशाना बनाया गया? सवाल यह था कि 'आखिर एक आतंकवादी को पनाह क्यों दी गई?'
डैनी हैनन और पाकिस्तान के राजदूत के बीच हुई तीखी बहस
कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर इजरायली हमले पर चर्चा के लिए आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में डैनी डैनन और यूएन में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद के बीच तीखी बहस हुई। यह बैठक न्यूयार्क सिटी में 9/11 के आतंकवादी हमलों की 24वीं बरसी पर हुई।
अपनी टिप्पणी में अहमद ने कतर के खिलाफ इजरायल के ''अवैध और अकारण आक्रमण'' की निंदा की और इसे ''आक्रामकता के एक व्यापक और सुसंगत पैटर्न'' का हिस्सा बताया जो क्षेत्रीय शांति को कमजोर करता है।
किस बात को लेकर हुई बहस?
पाकिस्तानी दूत ने इजरायल पर गाजा में ''क्रूर'' सैन्य कार्रवाइयों और सीरिया, लेबनान, ईरान तथा यमन में बार-बार सीमा पार हमलों के जरिए अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ''एक आक्रामक, दूसरों की जमीन पर कब्जा करने वाला, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार उल्लंघन करने वाला - यानी इजरायल द्वारा इस सदन का दुरुपयोग करना और इस परिषद की पवित्रता का अनादर करना अस्वीकार्य है, बल्कि हास्यास्पद भी है।''
इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए डैनन ने कहा, 'सच तो यह है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा गया था, और किसी ने भी अमेरिका की निंदा नहीं की..और, जब इस परिषद के अन्य देश आतंकवादियों पर हमला करते हैं, तो कोई भी उनकी निंदा नहीं करता। यही दोहरे मानदंडों का मुद्दा है। जब आप इजरायल के लिए अपने मानकों से अलग मानक लागू करते हैं, तो यही इस संस्था की समस्या है।/
उन्होंने कहा, ''आप इस तथ्य को नहीं बदल सकते कि 9/11 हुआ था..आप इस तथ्य को नहीं बदल सकते कि ओसामा पाकिस्तान में था, और वह आपकी जमीन पर मारा गया। मैं आपसे कहूंगा कि जब आप हमारी आलोचना करते हैं तो दोहरे मानदंडों के मुद्दे पर भी सोचें कि आप कौन से मानक अपने देश पर लागू करते हैं और कौन से मानक इजरायल पर लागू करते हैं।''
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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