अमेरिका में काम कर रही भारतीय कंपनियों ने H-1B वीजा पर कम की निर्भरता, स्थानीय स्तर पर बढ़ाई भर्तियां
नैसकॉम के अनुसार भारतीय कंपनियों ने एच-1बी वीजा पर निर्भरता कम की है और स्थानीय भर्ती बढ़ाई है। प्रमुख भारतीय कंपनियों को जारी एच-1बी वीजा की संख्या 2015 में 14792 से घटकर 2024 में 10162 रह गई है। एच-1बी वीजा फीस में बढ़ोतरी मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगी। कुशल प्रतिभा की आवाजाही से भारत में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आइटी कंपनियों के शीर्ष संगठन नासकाम ने कहा है कि पिछले कई वर्षों से अमेरिका में काम कर रही भारतीय और भारत से संबंधित कंपनियों ने एच-1बी वीजा पर अपनी निर्भरता काफी कम कर दी है और स्थानीय स्तर पर भर्ती बढ़ा दी है।
प्रमुख भारतीय कंपनियों को जारी एच-1बी वीजा की संख्या 2015 में 14,792 से घटकर 2024 में 10,162 रह गई है। इसे देखते हुए हमें उम्मीद है कि एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप सरकार के फैसले से इस सेक्टर पर बहुत कम असर होगा। नासकाम के अनुसार, अमेरिका सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एच-1बी वीजा फीस में बढ़ोतरी मौजूदा वीजा धारकों पर लागू नहीं होगी।
केवल नए आवेदनों पर सिर्फ एक बार एक लाख डालर का शुल्क देना होगा। इससे पात्रता और समय सीमा से जुड़ी अनिश्चितता दूर हुई है। इससे अमेरिका से बाहर रह रहे एच-1बी वीजा धारकों की चिंताएं भी कम हुई हैं। इसके अलावा यह फीस बढ़ोतरी 2026 से लागू होगी।
इससे कंपनियों को अमेरिका में स्किलिंग प्रोग्राम को और बेहतर बनाने और स्थानीय स्तर पर अधिक लोगों को नौकरी देने के लिए समय मिलेगा। उद्योग जगत अमेरिका में स्थानीय स्तर पर स्किलिंग और भर्ती पर 100 करोड़ डालर से अधिक खर्च कर रहा है और स्थानीय स्तर पर भर्ती किए गए लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
स्थानीय कर्मचारियों के बराबर होता है वेतन
नासकाम ने कहा कि शीर्ष 10 भारतीय और भारत से जुड़ी कंपनियों में एच-1बी कर्मचारियों की संख्या उनके कुल कर्मचारियों का एक प्रतिशत से भी कम है। एच-1बी कुशल कर्मचारियों के लिए एक गैर-आव्रजन वीजा है। यह अमेरिका में जरूरी कौशल की कमी को पूरा करता है। वेतन स्थानीय कर्मचारियों के बराबर होता है। एच-1बी कर्मचारी अमेरिका की कुल कार्यबल का एक छोटा सा हिस्सा है।
कुशल प्रतिभा की आवाजाही से भारत में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा
नासकाम ने हमेशा कुशल प्रतिभा की आवाजाही के लिए एक निश्चित और स्थिर ढांचे की वकालत की है, जो राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है और जिसने लंबे समय से अमेरिका में नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है। उद्योग निकाय ने कहा कि कुशल प्रतिभा की आवाजाही से कंपनियों को भविष्य के प्रति निर्णय लेने, अनुसंधान तेज करने और वैश्विक नवाचार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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