9/11 के पीड़ितों का इलाज करने वाला डॉ आनंद को हुई 14 साल की जेल, क्या है पूरा मामला?
भारतीय मूल के डॉक्टर नील के. आनंद को अमेरिका में स्वास्थ्य बीमा धोखाधड़ी के लिए 14 साल की जेल हुई है। उन्होंने मरीजों को अनावश्यक दवाएं देकर बीमा कंपनियों से करीब 20 करोड़ रुपये ऐंठे। अदालत ने उन्हें क्षतिपूर्ति और रकम जब्त करने का आदेश दिया। आरोप है कि आनंद ने बिना लाइसेंस वाले इंटर्न्स से दवाएं लिखवाईं और धोखाधड़ी से कमाए पैसे रिश्तेदार के खाते में डाले।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीय मूल के 48 वर्षीय डॉक्टर नील के. आनंद को स्वास्थ्य बीमा धोखाधड़ी के मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
पेनसिल्वेनिया के इस डॉक्टर ने मरीजों को अनावश्यक दवाओं के बैग्स थमाकर बीमा कंपनियों से 2.4 मिलियन डॉलर (लगभग 20 करोड़ रुपये) से अधिक ऐंठ लिए।
अदालत ने उन्हें 2 मिलियन डॉलर से अधिक की क्षतिपूर्ति और इतनी ही रकम जब्त करने का भी आदेश दिया। आरोप है कि आनंद ने न केवल मरीजों को गैर-जरूरी दवाएं दीं, बल्कि बिना लाइसेंस वाले इंटर्न्स से नियंत्रित दवाओं के लिए प्री-साइन किए गए प्रिस्क्रिप्शन भी लिखवाए।
रिश्तेदार के खाते में डाल दिए इतने पैसे
आनंद ने जांच से बचने के लिए धोखाधड़ी से कमाई गई 1.2 मिलियन डॉलर की राशि को एक रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कर दिया।
उन्होंने दावा किया कि वह 9/11 हमलों के पीड़ितों का इलाज कर चुके हैं और अमेरिकी नौसेना में चिकित्सक के रूप में सेवा दे चुके हैं, लेकिन जज ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी हरकतें लालच और अवैध मुनाफे से प्रेरित थीं।
बीमा धोखाधड़ी को लेकर क्या है आरोप
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, आनंद ने मेडिकेयर, यूएस ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (OPM), इंडिपेंडेंस ब्लू क्रॉस (IBC) और एंथम जैसी बीमा योजनाओं में झूठे और धोखाधड़ी वाले दावे जमा किए। उन्होंने अपनी स्वामित्व वाली इन-हाउस फार्मेसियों के जरिए मरीजों को अनावश्यक दवाओं के "गुडी बैग्स" बांटे, जिनमें ऑक्सीकोडोन जैसी नशीली दवाएं शामिल थीं।
मरीजों को लुभाने के लिए आनंद ने बिना चिकित्सकीय जरूरत के ऑक्सीकोडोन का वितरण किया। कुल मिलाकर, उन्होंने नौ मरीजों के लिए 20,850 ऑक्सीकोडोन टैबलेट्स निर्धारित किए।
इसके अलावा, आनंद ने बिना लाइसेंस वाले मेडिकल इंटर्न्स को प्री-साइन किए गए प्रिस्क्रिप्शन पर नियंत्रित दवाएं लिखने की अनुमति दी, जो कानूनन गलत था। इस पूरी साजिश में, बीमा कंपनियों से 2.4 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि वसूली गई। जज चाड एफ. केनी ने कहा, "आपके लिए मरीजों का दर्द आपका मुनाफा था। आपका ध्यान इलाज पर नहीं, बल्कि अवैध लाभ पर था।"
डॉ आनंद क्या कहते हैं?
आनंद और उनके परिवार ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उनकी मरीजों के प्रति दया को गलत तरीके से अपराधीकरण किया गया।
आनंद ने अपने ब्लॉग में लिखा, "सरकार एआई और हेरफेर किए गए डेटा का इस्तेमाल करके मुझे पुराने दर्द के मरीजों के इलाज के लिए सजा दे रही है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि वह 9/11 हमलों के पीड़ितों का इलाज और अमेरिकी नौसेना में चिकित्सक के रूप में सेवा दे चुके हैं। हालांकि, अदालत ने उनके दावों को खारिज कर दिया। सोशल मीडिया पर कई समूहों ने आनंद का समर्थन करते हुए दावा किया कि वह सरकारी साजिश का शिकार बने हैं।
आनंद ने कहा, "कानून ने अभी के लिए फैसला सुना दिया है, लेकिन सवाल बाकी हैं: उपचार क्या है? न्याय क्या है? दया और दुराचार के बीच की रेखा कहां है?"
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