Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    US: 21 साल के होते ही अमेरिका से निकाल दिए जाएंगे, ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किलें

    अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय-अमेरिकी छात्रों को देश से निर्वासित किया जा सकता है। दरअसल ग्रीन कार्ड मिलने से पहले 21 वर्ष का हो जाता है तो वह इमिग्रेशन प्रक्रिया के लिए अब बच्चा नहीं माना जाएगा। ऐसे लगभग 250000 से अधिक बच्चे है जिसमे भारतीय-अमेरिकी बच्चों की संख्या सबसे अधिक हैं। अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने का सबसे बड़ा कारण- बढ़ती उम्र को बताया गया है।

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 28 Jul 2024 08:11 AM (IST)
    Hero Image
    ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किलें (Image: File)

    पीटीआई, वाशिंगटन। भारतीय अमेरिकी बच्चों का अमेरिका से डिपोर्ट होने का रिस्क बढ़ता जा रहा है। दरअसल, जो बच्चे अपने माता-पिता के साथ छोटी उम्र में अमेरिका आए थे उन्हें डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स कहा जाता है। हालांकि, जैसे ही इन बच्चों की उम्र 21 साल की हो जाएगी तो वह अपने माता-पिता के वीजा पर निर्भर नहीं रह सकते। अमेरिका के इस कानून के कारण ऐसे बच्चों पर निर्वासित होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लगभग  2,50,000 से अधिक बच्चे है, जिसमे भारतीय-अमेरिकी बच्चों की संख्या सबसे अधिक हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बढ़ती उम्र है इसका बड़ा कारण

    दरअसल, अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने का सबसे बड़ा कारण- बढ़ती उम्र को बताया गया है। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) ने 2 नवंबर तक अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के आंकड़ों को स्टडी किया और पाया कि डिपेंडेंट्स सहित 1.2 मिलियन से अधिक भारतीय वर्तमान में EB-1, EB-2 और EB-3 कैटगरी में ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। यह संख्या फोर्ब्स की एक रिपोर्ट से ली गई है।

    नहीं माना जाएगा बच्चा अगर...

    इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) के अनुसार, इस कैटगरी में अविवाहित और 21 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल है। अगर कोई व्यक्ति बच्चे के रूप में वैध स्थायी निवासी (LPR) का दर्जा पाने के लिए आवेदन करता है, लेकिन ग्रीन कार्ड मिलने से पहले 21 वर्ष का हो जाता है, तो वह  इमिग्रेशन प्रक्रिया के लिए अब बच्चा नहीं माना जाएगा।

    इस प्रक्रिया को 'एजिंग आउट' कहा जाता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को ग्रीन कार्ड के लिए नया आवेदन करना पड़ सकता है या ग्रीन कार्ड के लिए अधिक समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। हो सकता है कि वह अब इसके लिए पात्र ही न हो।

    43 सांसदों ने की जो बाइडन से अपील 

    समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, व्हाइट हाउस ने इसके लिए रिपब्लिकन को दोषी ठहराया है और कहा है कि उन्होंने दो बार द्विदलीय समझौते को खारिज कर दिया था। 13 जून को, आव्रजन, नागरिकता और सीमा सुरक्षा पर सीनेट न्यायपालिका उपसमिति के अध्यक्ष सीनेटर एलेक्स पैडीला और प्रतिनिधि डेबोरा रॉस के नेतृत्व में 43 सांसदों के एक समूह ने बाइडन प्रशासन से इस मुद्दे के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।

    भविष्य में बढ़ सकता है खतरा 

    सांसदों ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी युवा अमेरिका में पले-बढ़े हैं, अमेरिकी स्कूल प्रणाली में अपनी शिक्षा पूरी करते हैं और अमेरिकी संस्थानों से डिग्री लेकर ग्रेजुएट होते हैं। हालांकि, ग्रीन-कार्ड के लिए लंबे समय तक लंबित रहने के कारण, स्वीकृत अप्रवासी याचिकाओं वाले परिवारों को अक्सर स्थायी निवासी का दर्जा पाने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है।

    यह भी पढ़ें: US Election: कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर, सर्वे में इस नेता की जीत का किया दावा

    यह भी पढ़ें: 'इस चुनाव के बाद अमेरिका में मतदान नहीं कर पाएंगे ईसाई', डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा क्यों कहा?