India-US BTA: ट्रेड को लेकर अमेरिकी की नहीं चलेगी मनमानी, व्यापार समझौते से पहले भारत ने बनाया तड़गा प्लान
India-US BTA भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू होगी। वर्ष 2025 तक भारत अमेरिका से 25 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद खरीदेगा जो 2024 की तुलना में दोगुना है। गेल 15 वर्षों के लिए अमेरिका से एलएनजी आपूर्ति का समझौता करना चाहती है जिससे भारत में गैस की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले हफ्ते भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीटीए) को लेकर महत्वपूर्ण वार्ता का दौर शुरू होगा। वॉशिंगटन में होने वाली वार्ता में अमेरिका से एनर्जी उत्पादों की खरीद का मुद्दा अहम होगा। इसमें कच्चा तेल भी होगा और गैस भी।
अगर सब कुछ ठीक रहा तो वर्ष 2025 में भारत अमेरिका से 25 अरब डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद करेगा, जो वर्ष 2024 में 10 अरब डॉलर की खरीद से दोगुने से ज्यादा है।
व्यापार घाटा कम करने के लिए क्या कर सकता है भारत?
सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद ही भारत और अमेरिका के बीच 41 अरब डॉलर के कारोबारी घाटे (भारत के पक्ष में) के एक बड़े हिस्से को पूरा करने में काफी होगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत से दो प्रमुख शिकायतें हैं। उनका मानना है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है और दूसरा व्यापार घाटा भारत के पक्ष में है। भारत व्यापार घाटा को कम करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों के आयात का तरीका आजमाएगा।
फरवरी-मार्च, 2025 के डाटा बताते हैं कि अमेरिका अब भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला पांचवा सबसे बड़ा देश बन गया है। उधर, सरकारी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी गेल लिमिटेड ने कहा है कि वह 15 वर्षों के लिए अमेरिका से एलएनजी आपूर्ति का समझौता करना चाहती है।
कंपनी के डायरेक्टर (बिजनेस डेवलपमेंट) राजीव कुमार सिंघल का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अमेरिकी एलएनजी 2029-30 से आने लगेगी। गेल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक संदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि भारत में गैस की खपत सात-आठ प्रतिशत की सालाना रफ्तार से बढ़ रही है और इसकी आपूर्ति के लिए हमें कई स्त्रोतों से गैस खरीदनी होगी।
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