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    Russia Ukraine War: अमेरिका ने किया आगाह, रूस यूक्रेन पर कर सकता है केमिकल अटैक, जानें- भारत के रुख पर बाइडन का बयान

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Mar 2022 03:03 PM (IST)

    रूस के मुद्दे पर अमेरिका का सभी देशों ने खासकर उसके सभी सहयोगी देशों ने उसका साथ दिया है। लेकिन भारत इस मुद्दे पर इन सभी से अलग खड़ा है। भारत का कहना है कि बातचीत के जरिए इस विवाद को खत्‍म करना चाहिए।

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    रूस के मुद्दे पर भारत ने नहीं दिया अमेरिका का साथ (एएनआई फोटो )

    वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि रूस के मुद्दे पर भारत को छोड़ उसके सभी सहयोगी देश अमेरिका के साथ हैं। उन्‍होंने कहा है कि पश्चिमी देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों पर सभी सहयोगी देशों ने अमेरिका का समर्थन किया है। हालांकि इस मामले में भारत का रवैया जरूर गोलमोल रहा है। बिजनेस राउंडटेबल सीईओ की क्‍वाटर्ली मीटिंग के दौरान उन्‍होंने ये बात कही। उन्‍होंने रूस के मुद्दे पर अमेरिका के सहयोगी उसके कितने साथ हैं, के मुद्दे पर बोलते हुए कहा है कि क्‍वाड संगठन के सहयोगी देशों ने भी इस पर अमेरिका का पूरा सहयोग दिया है। जापान ने भी रूस के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं । इसी तरह से आस्‍ट्रेलिया ने भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों पर अमेरिका का भरपूर सहयोग दिया है। इस बीच अमेरिका आगाह किया है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ केमिकल वेपंस का इस्‍तेमाल कर सकता है। 

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    क्‍वाड बैठक में भारत का अन्‍य सदस्‍यों से अलग रुख

    अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि पुतिन इस बात को नहीं समझ पा रहे है इस मुद्दे पर नाटो किस कदर पश्चिमी देशों से एकजुट है और यूक्रेन पर उनके हमले का जवाब अपनी तरह से दे रहा है। आपको बता दें कि इस माह की शुरुआत में क्‍वाड की वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें आस्‍ट्रलिया, जापान, अमेरिका के नेताओं ने यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की कड़ी आलोचना की थी। वहीं इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद सुलझाने की अपील की थी। बता दें कि भारत अमेरिका के सहयोगी देशों में एकमात्र देश है जिसने अब तक रूस के मसले पर अमेरिका का पक्ष नहीं लिया है। इससे पहले रूस के खिलाफ सुरक्षा परिषद में हुई वोटिंग के दौरान भी भारत इससे खुद बाहर रहा था।

    भारत का तटस्‍थ रुख

    क्‍वाड के अन्‍य सदस्‍य देशों ने भारत के इस रवैये को गलत बताया है और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करने और इसी तरह के कदम उठाने की अपील भी की है। वहीं भारत ने इस मुद्दे पर तटस्‍थ रहते हुए अपनी कूटनीतिक रणनीति को जारी रखा है। बता दें कि रूस ने 24 मार्च को यूक्रेन पर हमला किया था। इसके तीन दिन बाद ही रूस ने डोनस्‍तेक और लुहांस्‍के को आजाद राष्‍ट्र के तौर पर अपनी मान्‍यता दी थी। रूस यूक्रेन के खिलाफ छेड़े गए युद्ध को मिलिट्री आपरेशन बता रहा है। रूस का कहना है कि उसका मकसद केवल यूक्रेन को डिमिलिट्राइज्‍ड करना है।

    अमेरिका की चेतावनी 

    इस बीच अमेरिका ने आगाह किया है कि रूस यूक्रेन पर हमले के लिए केमिकल वेपंस का इस्‍तेमाल कर सकता है। अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन की किसी भी बड़े शहर पर कब्‍जा न कर पाने की बौखलाहट में रूस ऐसा कर सकता है। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग को चौथा सप्‍ताह चल रहा है। इस दौरान रूस ने यूक्रेन पर हाइपरसोनिक मिसाइल से लेकर अन्‍य हथियारों से भी ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इन हमलों में जान-माल की भारी क्षति हुई है। मारियोपोल में हुए भीषण गोलाबारी के बाद सड़कों पर शव पड़े हैं और कई इमारतों में आग लगी हुई है।