UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फिर से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को लगाई फटकार, बताया- पाक का हताश प्रयास
भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में डिबेट के दौरान कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई। साथ ही भारत ने इसे झूठ फैलाने के लिए हताश प्रयास बताया। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
न्यूयार्क, एएनआइ। भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में डिबेट के दौरान कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई। साथ ही भारत ने इसे झूठ फैलाने के लिए हताश प्रयास बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन प्रतीक माथुर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक के दौरान जवाब देने के अधिकार में कहा, 'आज जब हम यूएनएससी सुधारों पर चर्चा करने के लिए मिल रहे हैं, तो पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने फिर से जम्मू-कश्मीर का बेफिजूल संदर्भ उठा दिया। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, भले ही पाकिस्तान का प्रतिनिधि कुछ भी मानता हो।'
पाकिस्तान बहुपक्षीय मंचों का कर रहा दुरुपयोग
प्रतीक माथुर ने कहा, 'झूठ फैलाने के पाकिस्तान के हताश प्रयास और बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग करने की बुरी आदत सामूहिक अवमानना और शायद सहानुभूति भी है।'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान के झूठे दावों पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया आई है। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समान प्रतिनिधित्व पर UNGA में G4 को लेकर भाषण दिया।
जी-4 ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चेताया
इससे पहले, भारत समेत चार देशों के समूह जी-4 ने गुरुवार को चेताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार को जितना टाला जाएगा, उतना ही उसके प्रतिनिधित्व में कमी आएगी। जी-4 ने कहा कि अगर यूएनएससी की सदस्यता में विस्तार किया जाता है तो इससे मौजूदा संघर्षों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा। जी-4 समूह में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान हैं।
भारत ने रखा अपना पक्ष
रुचिरा कंबोज ने कहा कि यूएनएससी में समान प्रतिनिधित्व पर प्रस्ताव करीब 40 साल पहले 1979 में महासभा के एजेंडा में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि चार दशक बाद भी इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।' कंबोज समान प्रतिनिधित्व और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता में विस्तार तथा सुरक्षा परिषद से जुड़े अन्य मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में जी-4 की ओर से बोल रही थीं।