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    UNHRC में पाकिस्तान मानवाधिकार पर दे रहा था ज्ञान, भारत ने खोल दी 'आतंकिस्तान' की पोल

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 08:12 AM (IST)

    भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई और उसे अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर घेरा। भारतीय राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने पाकिस्तान के पाखंड की आलोचना करते हुए कहा कि वह दूसरों को मानवाधिकारों पर उपदेश देने का साहस कैसे कर सकता है जबकि खुद उसके यहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। बलूचिस्तान और पीओजेके में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे भी उठाए गए।

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    UNHRC में भारत ने पाकिस्तान की फिर लगाई लताड़। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सवाल किया है कि अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के अपने रिकॉर्ड वाला देश दूसरों को मानवाधिकारों पर उपदेश देने का साहस कैसे कर सकता है?

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    बुधवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र की 34वीं बैठक में, भारतीय राजनयिक मोहम्मद हुसैन ने इस्लामाबाद के पाखंड की तीखी आलोचना की।

    भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़

    उन्होंने कहा, "भारत को यह बेहद विडंबनापूर्ण लगता है कि पाकिस्तान जैसा देश मानवाधिकारों पर दूसरों को उपदेश देना चाहता है। दुष्प्रचार फैलाने के बजाय, पाकिस्तान को अपनी धरती पर अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न का सामना करना चाहिए।"

    हुसैन ने यह बात तब कही, जब पाकिस्तान अपनी घरेलू विफलताओं को नजरंदाज करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत को बार-बार बदनाम करने की कोशिश कर रहा।

    पाकिस्तान में हो रहा मानवाधिकारों का उल्लंघन

    यूएनएचआरसी में मौजूद अन्य लोगों ने भी अपनी टिप्पणियों में पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर इशारा किया। भू-राजनीतिक शोधकर्ता जोश बोवेस ने बलूचिस्तान में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को चिन्हित किया तथा भारत की इस आलोचना को दोहराया कि इस्लामाबाद विदेशों में नैतिकतावादी रुख अपनाते हुए नियमित रूप से अपने सबसे कमजोर समुदायों का दमन करता है।

    उन्होंने कहा, "2025 के लिए यूएससीआईआरएफ धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में कहा गया है कि ईशनिंदा के आरोप में 700 से अधिक व्यक्ति जेल में हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 300 प्रतिशत की वृद्धि है।"

    उन्होंने कहा कि बलूच नेशनल मूवमेंट की मानवाधिकार शाखा Paank ने 2025 के पहले छह महीनों में ही 785 जबरन गायब होने और 121 हत्याओं को दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि पश्तून राष्ट्रीय जिरगा ने बताया कि इस वर्ष लगभग 4,000 पश्तून लापता हैं।

    वहीं यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में पाकिस्तान के बढ़ते दमन के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। जिनेवा में बोलते हुए, खान ने क्षेत्र में मानवीय संकट के बिगड़ने की चेतावनी दी।

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