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India-Russia Relations: भारत को फिर मिला रूस का साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए किया समर्थन

India-Russia Relations भारत और रूस के संबंध काफी अटूट हैं। हर बार भारत को रूस का साथ मिला है। इस बीच रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने भारत को अपना समर्थन देने की बात कही है।

By JagranEdited By: Mohd FaisalPublished: Sun, 25 Sep 2022 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 08:14 AM (IST)
India-Russia Relations: भारत को फिर मिला रूस का साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए किया समर्थन
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया भारत का समर्थन (फोटो एएनआइ)

न्यूयॉर्क, एजेंसी। रूस ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के लिए भारत का समर्थन किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने UN में भारत की स्थायी सदस्यता की सिफारिश की है। 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि हम अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों के प्रतिनिधित्व के माध्यम से सुरक्षा परिषद को अधिक लोकतांत्रिक बनाने की संभावना को देखते हैं। विशेष रूप से भारत और ब्राजील प्रमुख अंतरराष्ट्रीय देश हैं, इसलिए इन दोनों देशों की स्थायी सदस्यता के लिए विचार किया जाना चाहिए।

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रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों पर लगाया आरोप

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए रूस विदेश मंत्री लावरोव ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे अपने महासंघ का हिस्सा बनने पर यूक्रेन के रूसी नियंत्रण वाले इलाकों में जनमत संग्रह कराने को लेकर जोर दे रहा है। रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि युद्ध के आसपास के संकट बढ़ रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है, लेकिन एक ईमानदार वार्ता और समझौते की तलाश के बजाय पश्चिमी देश अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में विश्वास कम कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र के भीतर नकारात्मक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित कर रहा है।

पूरी दुनिया को बदलना चाहता है अमेरिका

उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया को बदलने की कोशिश कर रहा है और अपने साझेदारों के साथ मिलकर विश्व के विचारों से असहमति जताने वालों को प्रतिबंधित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उनके अवैध और एकतरफा प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन कर रहे हैं और गरीब देशों के नागरिकों को मिलने वाली उनकी दवा, टीकों और खाद्य आयात को लक्षित करके नुकसान पहुंचाते हैं।

भारत ने जारी किया था संयुक्त बयान

इससे पहले सुधारों पर एक संयुक्त बयान में 31 अन्य देशों के साथ भारत ने कहा था कि स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में सुरक्षा परिषद का विस्तार करना चाहिए। संयुक्त बयान के हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन विश्व वास्तविकताओं के अनुरूप बनाने के लिए आवश्यक रूप से सुरक्षा परिषद के तत्काल और व्यापक सुधार की आवश्यकता है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख अंग है।

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