वाशिंगटन में पैक्स शिखर सम्मेलन में भारत ने क्यों नहीं लिया भाग? अमेरिकी अधिकारी ने बताई असली कहानी
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के प्रयासों म ...और पढ़ें
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भारत को AI और आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा के लिए अत्यंत रणनीतिक साझेदार मानता है अमेरिका (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के प्रयासों में भारत को महत्वपूर्ण संभावित भागीदार मानता है।
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने यह बात कही है, साथ ही उन्होंने उन बातों को खारिज कर दिया है कि राजनीतिक तनाव के कारण भारत ने हाल ही में वाशिंगटन में हुए शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया।
भारत-अमेरिका के रिश्ते होंगे मजबूत
अमेरिकी आर्थिक मामलों के उप विदेश मंत्री जैकब हेलबर्ग ने घोषणा की कि वे फरवरी में होने वाले भारत एआई इंपैक्ट शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वाशिंगटन, नई दिल्ली के साथ आर्थिक सुरक्षा मामलों पर सहयोग को और गहरा करना चाहता है।
वाशिंगटन में बुधवार को आयोजित पैक्स सिलिका शिखर सम्मेलन में पत्रकारों से बात करते हुए हेलबर्ग ने इस सम्मेलन में भारत की अनुपस्थिति से संबंधित सवालों के जवाब दिए। इस सम्मेलन में तकनीकी रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं ने एआई अवसंरचना और सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं पर रणनीति समन्वय स्थापित करने के लिए भाग लिया था।
हेलबर्ग ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि व्यापार समझौतों से संबंधित अमेरिका और भारत के बीच की बातचीत आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा पर हमारी चर्चाओं से पूरी तरह से अलग और समानांतर है। हम इन दोनों को एक नहीं मान रहे हैं।''
किस बात पर दिया जोर?
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनयिक मतभेदों के कारण भारत को शिखर सम्मेलन से बाहर नहीं रखा गया है, बल्कि वर्तमान में वह बहुपक्षीय ढांचे के बजाय द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “हम आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा से संबंधित प्रयासों में भारत को अत्यंत रणनीतिक संभावित भागीदार मानते हैं और उनके साथ जुड़ने के अवसर का स्वागत करते हैं।''
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के अधिकारी प्रतिदिन संपर्क में हैं। पैक्स सिलिका का लक्ष्य प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला में चीन पर निर्भरता को कम करना है, साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से लेकर रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स तक के क्षेत्रों में लचीलापन बढ़ाना है।

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