सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का भारत है प्रबल दावेदार, UNSC को और अधिक समावेशी बनाया जाना चाहिए : एंटनी ब्लिंकन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर दिया जोर। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का भारत है प्रबल दावेदार। एंटनी ब्लिंकन ने कहा आधुनिकीकरण की भी है आवश्यकता।
वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को और अधिक समावेशी बनाने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की जरूरत भी बताई है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित सुधारों के लिए जोर देने में आगे रहा है। भारत इस बात पर भी जोर देता है कि वह सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनने का पूरी तरह से हकदार है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में ब्लिंकन ने कहा, 'हमारा मानना है कि जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, उनसे निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को न केवल उसके चार्टर का पालन करना चाहिए, बल्कि सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने सहित संस्थान का आधुनिकीकरण भी करना चाहिए।
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'उन्होंने कहा, 'इसलिए, महासभा में अपने संबोधन में राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी सुरक्षा परिषद के स्थायी व अस्थायी दोनों प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के कदम का समर्थन किया था, जिसकी भारत लंबे समय से मांग कर रहा है। ब्लिंकन ने कहा, 'इसमें उन देशों को स्थायी सदस्यता देना शामिल हैं जिनका हमने लंबे समय से समर्थन किया है। हम अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई देशों को स्थायी सदस्य बनाए जाने का भी समर्थन करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र में सुधार वाजिब मुद्दा
जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार विशेष रूप से एक वाजिब मुद्दा है। उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे पर अमेरिका के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं, जो खुद राष्ट्रपति बाइडन के विचारों में परिलक्षित होता है। हम इसे और आगे ले जाने के वास्ते अमेरिका के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।