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    ट्रंप के टैरिफ से कैसे निपटेगा भारत? पहली बार विदेश मंत्री जयशंकर ने बताई अपनी रणनीति

    डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि 70 देश टैरिफ के बाद अमेरिका से बातचीत करने में जुटे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। हमारा लक्ष्य साल के आखिरी तक समझौता करने पर है। हमारी रणनीति का लक्ष्य यह है कि क्या व्यापार समझौता करके इससे निपटा जा सकता है।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 09 Apr 2025 03:43 PM (IST)
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    विदेश मंत्री एस जयशंकर। ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल मचा रखी है। भारत पर भी ट्रंप ने 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। टैरिफ लगने के बाद बुधवार को पहली बार सरकार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि टैरिफ से निपटने के लिए भारत की रणनीति इस साल के अंत तक वाशिंगटन के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करना है।

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    सहमति बनाने वाला भारत एकमात्र देश

    यह पहली बार है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की टैरिफ नीति पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्री ने कहा कि वाशिंगटन के साथ सहमति बनाने वाला भारत शायद एकमात्र देश है।

    हमारी रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है

    विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस बारे में सोचना संभव है कि इसका क्या असर होगा, क्योंकि हम नहीं जानते। हमारी रणनीति क्या है? मुझे लगता है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है। हमने तय किया कि हम इन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन से जल्द ही बातचीत करेंगे। दोनों पक्ष बेहद रचनात्मक थे। हम इस बात पर सहमत हुए कि इस साल के अंत तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की कोशिश की जाएगी।

    हर देश अमेरिका से निपटने की रणनीति बना रहा

    विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद हम एकमात्र देश हैं, जो वास्तव में सैद्धांतिक रूप से इस तरह की समझ तक पहुंच पाए हैं। आज दुनिया का हर देश अमेरिका से निपटने की रणनीति बना रहा है। भारत का फोकस ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार समझौता करना है।

    हमारी रणनीति का एक लक्ष्य है

    जयशंकर ने कहा कि हमारी रणनीति का एक लक्ष्य है। लक्ष्य यह देखना है कि क्या द्विपक्षीय व्यापार समझौते करके वास्तव में इस स्थिति से निपटना संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से यह हमारा उद्देश्य भी रहा है। मौजूदा परिस्थितियों ने व्यापार समझौते पर इतनी गंभीर बातचीत करने का माहौल पैदा किया है।

    ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी हुई थी बातचीत

    विदेश मंत्री के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के पहले प्रशासन में भी भारत एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा था। मगर यह बातचीत सफल नहीं हुई। बाइडन प्रशासन में भी हमने व्यापार संभावनाओं पर चर्चा की और आईपीईएल पहल तक पहुंचे। इसके तहत स्वच्छ ऊर्जा, आपूर्ति-श्रृंखला को लचीला बनाना और डिजिटल व्यापार जैसे क्षेत्रों में समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना उद्देश्य था।

    जयशंकर ने कहा कि वे (बिडेन प्रशासन) द्विपक्षीय समझौते के बेहद खिलाफ थे। मगर भारतीय नजरिए से अमेरिका के साथ द्विपक्षीय रूप से कुछ काम करना किसी भी तरह से नकारात्मक स्थिति नहीं है।

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