TCS या Infosys नहीं, इस कंपनी में सबसे अधिक H-1B वीजा वाले कर्मचारी; ट्रंप के एक फैसले ने बढ़ा दी टेंशन
डोनाल्ड ट्रम्प ने एच1बी वीजा शुल्क को 100000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का घोषणापत्र जारी किया है जिसका असर अमेरिका में नौकरी करने वाले विदेशियों पर पड़ेगा खासकर भारतीयों पर। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री के अनुसार इस कदम से अमेरिकी कंपनियां अधिक अमेरिकी प्रतिभाओं को नियुक्त करेंगी। अमेज़न टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों पर इसका असर होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने फैसले से दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत एच1बी वीजा शुल्क को सालाना 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया जाएगा। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो काम या नौकरी के सिलसिले में अमेरिका जाते हैं।
ट्रंप के इस फैसले का असर भारतीय नागरिकों पर भी देखने को मिलेगा। चूंकि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद विदेशी कर्मचारियों के लिए H1-B वीजा हासिल करने के लिए, अमेरिकी टेक कंपनियों को अब सरकार को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा। अब इससे बचने के लिए अमेरिकी टेक कंपनियां अमेरिकी प्रतिभाओं को नियुक्त करेंगी। जिससे विदेशी नागरिकों को इन कंपनियों में नौकरी पाना थोड़ा मुश्किल होगा।
क्या बोले अमेरिकी वाणिज्य मंत्री?
एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को लेकर अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस कदम से अमेरिकी कंपनियां अधिक अमेरिकी प्रतिभाओं को नियुक्त करेंगी और कम मूल्यवान विदेशी कर्मचारियों को उनके देश वापस भेज देंगी।
सबसे अधिक विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली कंपनियां
इन सब के बीच इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वे कौन सी टेक कंपनियां हैं, सबसे अधिक संख्या में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करती हैं। वहीं, अब ट्रंप के नए फैसले से उन्हें एच1-बी वीजा हासिल करने के लिए भारी भरकम रकम चुकानी पड़ेगी? आइए आपको बताते हैं कि सबसे अधिक H1-B वीजा प्रायोजित करने वाली शीर्ष 10 कंपनियां कौन सी हैं?
गौरतलब है कि अमेरिकी नागरिता एवं आव्रजन सेवा यानी USCIS ने इसी साल जुलाई में एक बयान में कहा था कि इस वित्तीय वर्ष 2026 के लिए उसे 65,000 एच-1बी वीजा नियमित सीमा और 20,000 एच-1बी वीजा अमेरिकी उन्नत डिग्री छूट के लिए पर्याप्त याचिकाएं प्राप्त हुई हैं।
ट्रंप के इस फैसले से क्या बदलेगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से कुछ गैर-आप्रवासी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर के बाद इस कदम से गैर अप्रवासी व्यक्तियों का अमेरिका में प्रवेश पूरी तरीके से प्रतिबंधित हो जाएगा। वहीं, यह प्रतिबंध उस समय तक लागू रहेगा, जब तक उनकी H-1B आवेदनों के साथ 100,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान न हो।
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