चीन-पाक की बढ़ती सैन्य साझेदारी भारत के लिए चुनौती, बीजिंग तेजी से मिसाइल, साइबर, स्पेस क्षेत्र में कर रहा विस्तार
चीन भले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के तरीके तलाश रहा हो, लेकिन पाकिस्तान के साथ उसका बढ़ता सैन्य सहयोग भारत के सुरक्षा वातावरण ...और पढ़ें

चीन-पाक की बढ़ती सैन्य साझेदारी भारत के लिए चुनौती (फाइल फोटो)
आईएएनएस, वाशिंगटन। चीन भले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के तरीके तलाश रहा हो, लेकिन पाकिस्तान के साथ उसका बढ़ता सैन्य सहयोग भारत के सुरक्षा वातावरण को तेजी से बदल रहा है। ये दावा अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (डिपार्टमेंट ऑफ वॉर) 'पेंटागन' की नई रिपोर्ट में किया गया है। ये रिपोर्ट कांग्रेस के सामने पेश की गई है।
पाकिस्तान को चीन सबसे भरोसेमंद
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन और पाकिस्तान लगातार सैन्य सहयोग, हथियारों की बिक्री और सैन्य गठजोड़ का विस्तार कर रहे हैं। रिपोर्ट में पाकिस्तान को चीन के सबसे भरोसेमंद और अहम सैन्य साझीदार के तौर पर पेश किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के समझौतों में हथियार प्रणाली का हस्तांतरण और सह-उत्पादन भी शामिल है। ये जल, थल और नभ, सेना के तीनों अंगों पर समान रूप से लागू है। पाकिस्तान के सैन्य आधुनिकीकरण में चीन के उपकरणों की बड़ी भूमिका है।
चीन और पाकिस्तान के संबंधों का भारत पर भी प्रभाव पड़ रहा है
आकलन के मुताबिक, सैन्य साझेदारी के जरिये चीन अपनी विदेश नीति लक्ष्यों को भी आगे बढ़ा रहा है। इसमें हथियारों की बिक्री, प्रशिक्षण कार्यक्रम और संयुक्त गतिविधियां भी महत्वपूर्ण जरिया हैं। इस तरीके से पाकिस्तान लंबे समय से लाभार्थी बना हुआ है। चीन और पाकिस्तान के संबंधों का भारत पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि भारत के उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर संकट गहरा सकता है। यह दस्तावेज संयुक्त सैन्य कार्रवाई की भविष्यवाणी नहीं करता है, लेकिन यह रणनीतिक हितों में बढ़ते तालमेल की ओर इशारा करता है।
साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारत के साथ अपनी सीमा को स्थिर करने के लिए सीमित कदम उठाए हैं। अक्टूबर 2024 में, भारतीय और चीनी नेताओं ने एलएसी पर बचे हुए टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हटने की घोषणा की।
सीमा प्रबंधन पर नियमित उच्च-स्तरीय बातचीत हुई
इसके बाद सीमा प्रबंधन पर नियमित उच्च-स्तरीय बातचीत हुई। इसके बावजूद, भरोसे का संकट गहरा हुआ है। लगातार आपसी अविश्वास व अन्य परेशानी वाले कारण निश्चित रूप से द्विपक्षीय संबंधों को सीमित करते हैं। अमेरिका-भारत के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों को रोकने के लिए चीन सीमा पर शांति कायम रखने का प्रयास करेगा।
अमेरिकी रिपोर्ट में अरुणाचल का भी जिक्र
पेंटागन की रिपोर्ट में अरुणाचलप्रदेशकेजरिये चीन के क्षेत्रीय दावों पर भी गौर किया गया है। चीन ने ऐसे दावों को अपने मुख्य हितों से जुड़ा बताया है। इससे भारत के चीन के साथ सीमा विवाद संवेदनशील श्रेणी में शामिल किए गए हैं। चीन का चौतरफा विस्तार चीन की बढ़ती सैन्यताकत से भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग तेजी से मिसाइल, साइबर, स्पेस और न्यूक्लियर क्षमताओं का विस्तार कर रहा है। ये घटनाक्रम दक्षिण एशिया समेत समूचे एशिया में क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित करता है। रिपोर्ट में हिंद महासागर में भारत के लिए बढ़ती चीन की चुनौती पर भी चिंता जताई गई है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।