वॉशिंगटन, प्रेट्र: अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने दावा किया है कि विदेश नीति पर स्वतंत्र रुख अपनाने वाले भारत को चीनी आक्राकमता ने अपना दृष्टिकोण बदलने को मजबूर किया। इसके चलते उसे चार देशों के क्वाड समूह में शामिल होना पड़ा। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री पोंपियो ने बीते 24 जनवरी को आई अपनी नई पुस्तक 'नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फार अमेरिका आइ लव' में उक्त दावा किया है।
भारत की सदस्यता को लेकर टिप्पणी
पोंपियो ने क्वाड में भारत के जुड़ाव को ''वाइल्ड कार्ड'' प्रवेश बताया है, क्योंकि यह समाजवादी विचारधारा पर स्थापित एक ऐसा राष्ट्र था जो शीत युद्ध के दौरान न तो अमेरिका के साथ था और न तो तत्कालीन यूएसएसआर के साथ था। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर ढाई साल से अधिक समय से तनाव जारी है। पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में जून, 2021 में हुए घातक संघर्ष के बाद चीन से भारत के द्विपक्षीय संबंध और खराब हो चुके हैं।
सीमा पर शांति के बिना संबंध नहीं हो सकते सामान्य
भारत कह चुका है कि चीन से द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमा पर शांति स्थापित नहीं होती। 59 वषीर्य पोंपियो ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि भारत की विदेश नीति हमेशा स्वतंत्र रही है। यह ज्यादातर अपने रुख पर कायम रहा है, लेकिन हिंद-प्रशांत में चीन के आक्रामक रुख ने भारत को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत ने मिलकर क्वाड का गठन किया। पोंपियो ने पुस्तक में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबी को क्वाड का जनक बताया है।