ट्रंप की बढ़ी मुश्किलें, विवादित किताब पर बनेगी टीवी सीरिज
ट्रंप पर लिखी किताब फायर एंड फ्यूरी पर बन सकती है सीरिज। किताब के लेखक माइकल वोल्फ होंगे सीरिज के प्रोड्यूसर।
अमेरिकी पत्रकार माइकल वोल्फ द्वारा लिखित किताब 'फायर एंड फ्यूरी' से वहां की राजनीति में खलबली मच गई थी। इस किताब में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए गए थे। हालाकि ट्रंप ने इस किताब को झूठा करार दिया था। उन्होने कहा था कि इस किताब को झूठ के पुलिंदों पर लिखा गया था। अब खबरें आ रही है कि इस किताब एक उपर एक टीवी सीरिज बनने जा रही है।
माइकल वोल्फ होंगे सीरिज के प्रोड्यूसर
गुरुवार को हॉलीवुड रिपोर्टर एण्ड वैरायटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माइकल वोल्फ की किताब फास्ट एण्ड फ्यूरी पर एक टीवी सीरिज बनाने की तैयारी की जा रही है। किताब के लेखक वोल्फ इस सीरिज के प्रोड्यूसर हो सकते हैं।
किताब में किए गए थे चौंकाने वाले खुलासे
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनना नहीं चाहते थे। अमेरिकी पत्रकार माइकल वोल्फ द्वारा लिखित किताब 'फायर एंड फ्यूरी: इनसाइड द ट्रंप व्हाइट हाउस' का दावा है कि ट्रंप का अंतिम लक्ष्य कभी भी जीतना नहीं था। किताब के अंश के अनुसार, ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ के वक्त अपने सहयोगी सैम नूनबर्ग से कहा था कि मैं दुनिया का सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति बन सकता हूं। फॉक्स न्यूज के पूर्व प्रमुख रॉजर एलेस ने उस वक्त ट्रंप से कहा था कि अगर आप अपना करियर टेलीविजन में चाहते हों, तो पहले राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल होना होगा।'
किताब के दावों का व्हाइट हाउस ने किया था खंडन
ट्रंप की जीत के कुछ समय बाद वोल्फ ने कहा था कि राष्ट्रपति ने खुद यह विचार प्रोत्साहित किया था कि वह पश्चिम विंग में अर्द्ध-स्थायी सीट जैसा कुछ स्थान लेने में सक्षम थे। पुस्तक में लिखा है, 'उनकी इस पहुंच का कोई आधार नियम नहीं था और न ही उन्होंने कोई वादा किया था कि वे किस दिशा में चलेंगे। हालांकि "Donald Trump Did Not Want to be President" शीषर्क से न्यूयार्क मैगजीन द्वारा किताब का अंश प्रकाशित होने के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने इस बात का खंडन किया है कि डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं थी। सैंडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद कुल मिलाकर ट्रंप ने 5-7 मिनट बातचीत की होगी और यह उनका एकमात्र संवाद है। इस संक्षिप्त वार्तालाप का किताब से कोई लेना-देना नहीं है।
व्हाइट हाउस ने पुस्तक को झूठा और भ्रामक बताया था
व्हाइट हाउस ने किताब में किए दावों का खंडन करते हुए इसे फिक्शन के तौर पर वर्णित किया है। सैंडर्स ने कहा, 'यह पुस्तक झूठे और भ्रामक दावों से भरी हुई है, जिनका व्हाइट हाउस के पास कोई पहुंच या प्रभाव नहीं है। किताब को केवल एक कथा के तौर पर लिखा गया, जो प्रासंगिकता पर उनके उदास प्रयासों को उजागर करता है। सैंडर्स का कहना है कि लेखक को इस पुस्तक के लिए व्हाइट से कोई प्रवेश नहीं मिला। सैंडर्स ने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, सभी पहलुओं के स्पष्ट होने के लिए लेखक वास्तव में राष्ट्रपति के साथ कभी नहीं बैठे थे। सैंडर्स ने कहा, 'मुझे पता है कि पुस्तक में बहुत सी चीजें हैं लेकिन जो हमने देखा है वो पूरी तरह से असत्य हैं।
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