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    मोबाइल टावर की जरूरत खत्म! सीधे अंतरिक्ष से फोन में मिलेगा नेटवर्क, Elon Musk शुरू कर रहे टेस्टिंग

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 11:42 AM (IST)

    स्टारलिंक (Starlink) की डायरेक्ट टू सेल (direct-to-cell) सैटेलाइट सर्विस की बीटा टेस्टिंग शुरू होने वाली है। डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस के तहत मोबाइल सीधे सेटेलाइट बेस्ड नेटवर्क से कनेक्ट होंगे। इसके बाद वे फोन सर्विस का इस्तेमाल कर पाएंगे। डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस के तहत जमीन पर मोबाइल नेटवर्क टावर लगाने की जरूरत नहीं है। ऐसे में ट्रेडिशनल मोबाइल टावर पर बोझ कम होगा।

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    एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस की बीटा टेस्टिंग शुरू करने जा रही है।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेस्ला (Tesla) के मालिक ने एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने हाल ही में कहा है कि मोबाइल टावर के बिना फोन सर्विस मिलेगी। इसकी बीटा टेस्टिंग आज से शुरू हो सकती है। सोशल  मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर उन्होंने जानकारी शेयर करते हुए कहा कि 27 जनवरी यानी आज से स्टारलिंक (Starlink) की डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस  (direct-to-cell)  की बीटा टेस्टिंग शुरू हो सकती है।

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    ( फोटो सोर्स:  Starlink)

    मोबाइल का नेटवर्क सीधे सेटेलाइट से होगा कनेक्ट

    आईबीसी ग्रुप के फाउंडर Mario Nawfal के पोस्ट को रि शेयर करके कंफर्म किया। इसमें स्टारलिंक (Starlink)  की डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट जैसी सर्विस का जिक्र है। डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस के तहत मोबाइल सीधे सेटेलाइट बेस्ड नेटवर्क से कनेक्ट होंगे। इसके बाद वे फोन सर्विस का इस्तेमाल कर पाएंगे।

    डायरेक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस के तहत जमीन पर मोबाइल नेटवर्क टावर लगाने की जरूरत नहीं है। ऐसे में ट्रेडिशनल मोबाइल टावर पर बोझ कम होगा।

    जबरदस्त होगी  इंटरनेट स्पीड

    पिछले कुछ महीनों से स्टारलिंक लगातार अपनी सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क को एक्सपेंड कर रहा है। कंपनी इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के लिए लगातार नए रॉकेट्स लॉन्च करने के साथ ही नए सैटेलाइट्स भी तैनात कर रही है। TweakTown की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स अब 250-350Mbps की स्पीड पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।  साउथ ऑस्ट्रेलियाई इलाकों में फाइबर के जरिए मिलने वाली 50-60Mbps स्पीड से यह कहीं ज्यादा है।

    डायेरक्ट टू सेल सैटेलाइट सर्विस इमरजेंसी में काफी मददगार होगी। आमतौर पर साइक्लोन, भूकंप जैसी आपदा पर मोबाइल टावर गिरने, वायरिंग की समस्या आने या खराब होने जैसी समस्या होती है। जब फोन सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट होंगे तो आपदा वाली जगह पर भी कनेक्टिविटी चालू रहेगी और बिना देरी इमरजेंसी सर्विसेज सपोर्ट मिलेगा।   

    डेड जोन एरिया में भी आएगा नेटवर्क

    डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस लाखों Internet of Things (IoT) डिवाइसेज को भी कनेक्टिविटी ऑफर करेगी। । यूजर्स को इमरजेंसी के दौरान खासकर ग्रामीण इलाकों या उन एरिया में ट्रैवल करते समय जो डेड ज़ोन है, वहां बिना बाधा कनेक्टिविटी मिलती रहेगी। डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट्स फिलहाल SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और Starship पर लॉन्च किए जाएंगे।

    अगर एलन मस्क की यह टेक्नोलॉजी सफल हो जाती है तो निश्चित तौर पर टेक्नोलॉजी का भविष्य पूरी तरह बदल जाएगा। टेलीकॉम इंडस्ट्री पर इसका जबरदस्त असर पड़ेगा।

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